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SAMPLE QUESTION PAPER - 3

Hindi B (085)
Class X (2024-25)

निर्धारित समय: 3 hours अधिकतम अंक: 80


सामान्य निर्देश:
इस प्रश्नपत्र में चार खंड हैं - क, ख, ग और घ
खंड क में अपठित गदयांश से प्रश्न पूछे गए हैं, जिनके उत्तर दिए गए निर्देशों का पालन करते
हुए दीजिए।
खंड ख में व्यावहारिक व्याकरण से प्रश्न पूछे गए हैं, आंतरिक विकल्प भी दिए गए हैं।
खंड ग पाठ्यपुस्तक पर आधारित है, निर्देशानुसार उत्तर दीजिए।
खंड घ रचनात्मक लेखन पर आधारित है आंतरिक विकल्प भी दिए गए हैं।
प्रश्न पत्र में कु ल 16 प्रश्न हैं, सभी प्रश्न अनिवार्य है।
यथासंभव सभी खंडों के प्रश्नों के उत्तर क्रमशः लिखिए।
खंड क - अपठित बोध
1. निम्नलिखित गद्यांशों को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए- [7]
सवेरे हम अपनी मंजिल काठमांडू की ओर बढ़े । पहाड़ी खेतों में मक्के और अरहर की
फसलें लहरा रही थीं। छोटे-छोटे गाँव और परकोटे वाले घर बहुत सुंदर लग रहे थे। शाम
होते-होते हम काठमांडू पहुँच गए। आज काठमांडू पर लिखते हुए अंगुलियाँ काँप रही हैं।
वैसे ही जैसे पच्चीस अप्रैल को काठमांडू की धरती काँप उठी थी। न्यूज चैनल जब धरहरा
स्तंभ को भरभराकर गिरते दिखा रहे थे, मेरा मन बैठा जा रहा था। क्या हुआ होगा धरहरा के
इर्दगिर्द फे री लगाकर सामान बेचने वालों का? और उस बाँसुरी वादक का जिसके सुरों ने मन
मोह लिया था और वे पर्यटक जो धरहरा के सौंदर्य में बिंधे उसका सौंदर्य निहारते। सब कु छ
जानते हुए भी मन यही कह रहा है कि सब ठीक हो।
रात को हम बाज़ार गए। बाज़ार इलेक्ट्रॉनिक सामानों से अटा पड़ा था और दुकानों की
मालकिने मुस्तैदी से सामान बेच रही थीं। हमारे हिमालयी क्षेत्रों की तरह यहाँ भी अर्थव्यवस्था
का आधार औरतें हैं। क्योंकि पहाड़ों पर पर्याप्त जमीन नहीं होती और रोजगार के साधन भी
बहुत नहीं होते, सो घर के पुरुष नीचे मैदानी इलाकों में कमाने जाते हैं और घर-परिवार की
सारी जिम्मेदारी महिलाएँ उठाती हैं। यहाँ गाँव की महिलाएँ खेती और शहर की महिलाएँ
व्यवसाय सँभालती हैं। मैंने देखा वे बड़ी कु शलता से व्यावसायिक दाँव-पेंच अपना रही थीं।
हम पोखरा होते हुए लौट रहे थे। रास्ते भर हिमाच्छादित चोटियाँ आँखमिचौली खेलती रहीं।
राह में अनेक छोटे-बड़े नगर-गाँव और कस्बे आते रहे। नेपाली औरतें घरों में काम करती
नजर आ रही थीं। मक्का कटकर घर आ चुकी थी। उसके गुच्छे घर के बाहर ख़ुटियों के
सहारे लटके नजर आ रहे थे। अब हम काली नदी के साथ-साथ चल रहे थे।
1. लेखक की अंगुलियाँ क्यों काँप रहीं थीं? (1)
(क) नेपाल में अपने बुरे अनुभव याद आने के कारण
(ख) नेपाल में आए भूकं प की याद हो आने के कारण
(ग) नेपाल में पड़ने वाली सर्दी के कारण
(घ) नेपाल की डरावनी सड़कों के कारण
2. लेखक दुः खी और हताश क्यों था? (1)
(क) धरहरा के लोगों की सुरक्षा की चिंता में
(ख) नेपाल यात्रा में अधिक धन खर्च हो गया था
(ग) लेखक को नेपाल यात्रा अच्छी नहीं लगी
(घ) नेपालियों के बुरे बर्ताव के कारण
3. नेपाल में बहने वाली एक नदी जो भारत और नेपाल की सीमा पर है _______ (1)
(क) काली नदी
(ख) गंगा नदी
(ग) यमुना नदी
(घ) व्यास नदी
4. काठमांडू के बाजार की क्या विशेषता थी? (2)
5. नेपाली अर्थव्यवस्था का आधार औरतें क्यों हैं? (2)

2. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए। [7]


प्रातः काल सूर्योदय से पूर्व शय्या त्यागकर खुली हवा में भ्रमण करने से शरीर का अंग-अंग
खुलता है। इस समय उपवन, वन, खेत या नदी तट की सैर मन को अपार आनंद प्रदान
कराती है। शीतल ताज़ी हवा के शरीर में प्रवेश करने वाली ऑक्सीजन साँसों को ताज़गी देती
है। प्रातः काल सूर्य की सुनहरी किरणें मानो स्वर्गीय संदेश लेकर धरती पर आती हैं। उनसे
समस्त सृष्टि में नई चेतना का संचार होता है। इस समय वन-उपवन में पुष्प विकसित होते हैं,
तड़ागों में कमल मुसकाते हैं, पेड़ों पर पक्षी चहचहाते हैं। धीमी-धीमी, शीतल, सुगंधमय पवन
के झोंके हृदय में हिलोर उठाते हैं। ऐसी मोहक प्रकृ ति से दू र सोए रहने वाले अभागे हैं।
उनका भाग्य भी उन्हीं की तरह सोया रहता है, ऐसे व्यक्ति के स्वास्थ्य पर प्रतिकू ल प्रभाव
पड़ता है।
1. 'अभागा' किसे कहा गया है? (1)
(क) सुबह सैर करने वालों को
(ख) मोहक प्रकृ ति से दू र सोए रहने वालों को
(ग) ठीक से सो न पाने वालों को
(घ) बीमार लोगों को
2. 'शय्या' शब्द का क्या अर्थ है? (1)
(क) चारपाई
(ख) रज़ाई
(ग) कं बल
(घ) ऐनक
3. सूर्योदय का संधि विच्छे द कीजिए। (1)
(क) सूर + उदय
(ख) सूर्यो + दय
(ग) सूर्य + दय
(घ) सूर्य + उदय
4. प्रातः काल के समय किन स्थानों की सैर मन को अपार आनंद प्रदान कराती है? (2)
5. मोहक प्रकृ ति से आप क्या अभिप्राय निकालते हैं? (2)

खंड ख - व्यावहारिक व्याकरण


3. निम्नलिखित वाक्यों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। [4]
i. उसका कु त्ता अत्यंत सुंदर और आज्ञाकारी है। रे खांकित पदबंध का नाम लिखिए।
ii. लोहे की बड़ी अलमारी से कोट निकालो। वाक्य में प्रयुक्त संज्ञा पदबंध लिखिए।
iii. दो ताकतवर लोग इस चीज को गिरा पाए। वाक्य में संज्ञा पदबंध को ढूँ ढ कर लिखिए।
iv. आपके मित्रों में से कोई समय पर नहीं पहुँचा। रे खांकित पदबंध का नाम लिखिए।
v. बरगद और पीपल की घनी छाँव से हमें बहुत सुख मिला। इस वाक्य में विशेषण पदबंध
कौन सा है।

4. नीचे लिखें वाक्यों में से किन्हीं चार वाक्यों का निर्देशानुसार रचना के आधार पर वाक्य [4]
रूपांतरण कीजिए-
i. बालक रोता रहा और चुप हो गया। (सरल वाक्य में)
ii. वह फल खरीदने के लिए बाज़ार गया। (संयुक्त वाक्य में)
iii. वह वास्तव में बहुत धनी है। उसमें कु छ भी अभिमान नहीं है। (संयुक्त वाक्य में)
iv. आप द्वार पर बैठें । उसकी प्रतीक्षा करें । (मिश्र वाक्य में)
v. जब सूर्योदय हुआ तो चिड़ियाँ चहचहाने लगीं। (सरल वाक्य में)

5. निर्देशानुसार किन्हीं चार प्रश्नों का उत्तर दीजिए और उपयुक्त समास का नाम भी लिखिए। [4]
i. पाप-पुण्य (विग्रह कीजिए)
ii. नीलकं ठ (विग्रह कीजिए)
iii. बातों-बातों से जो लड़ाई हुई (समस्त पद लिखिए)
iv. राम और कृ ष्ण (समस्त पद लिखिए)
v. पाँचों वटों का समाहार (समस्त पद लिखिए)
6. निम्नलिखित में से किन्हीं चार मुहावरों का वाक्य में प्रयोग इस प्रकार कीजिए कि उनका [4]
आशय स्पष्ट हो जाए:
i. आँखों में धूल झोंकना
ii. कू ट-कू ट कर भरना
iii. हक्का-बक्का रह जाना
iv. अपने पैरों पर खड़े होना
v. हाथ मलना

खंड ग - गद्य खंड (पाठ्यपुस्तक)


7. अनुच्छे द को ध्यानपूर्वक पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये: [5]
शैतान का हाल भी पढ़ा ही होगा। उसे यह अभिमान हुआ था कि ईश्वर का उससे बढ़कर
सच्चा भक्त कोई है ही नहीं। अंत में यह हुआ कि स्वर्ग से नरक में ढके ल दिया गया।
शाहेरूम ने भी एक बार अहंकार किया था। भीख माँग-माँगकर मर गया। तुमने तो अभी
के वल एक दरजा पास किया है और अभी से तुम्हारा सिर फिर गया, तब तो तुम आगे पढ़
चुके । यह समझ लो कि तुम अपनी मेहनत से नहीं पास हुए, अँधे के हाथ बटेर लग गई। मगर
बटेर के वल एक बार हाथ लग सकती है, बार-बार नहीं लग सकती। कभी-कभी गुल्ली-डंडे में
भी अँधा-चोट निशाना पड़ जाता है। इससे कोई सफल खिलाड़ी नहीं हो जाता। सफल
खिलाड़ी वह है, जिसका कोई निशाना खाली न जाए।

(i) बड़े भाई ने लेखक को शैतान का उदाहरण क्यों दिया?

क) घमण्ड के कारण पढ़ना-लिखना ख) उपर्युक्त सभी


छे ड़ न दे

ग) घमण्ड से दू र रहने के लिए घ) वह बात नहीं मानेगा तो उसे


नरक के समान कष्ट भोगना
पड़ेगा

(ii) बड़े भाई ने लेखक पर क्या-क्या आरोप लगाए?

क) वह अपनी मेहनत से पास नहीं ख) उसे घमण्ड हो गया है


हुआ

ग) उसका यों ही तुक्का लग गया है घ) उपर्युक्त सभी।

(iii) बड़े भाई ने किस तर्क के आधार पर लेखक को असफल खिलाड़ी कहा?

क) क्योंकि उसने सफलता मेहनत ख) इनमें से कोई नहीं


से प्राप्त की है
ग) क्योंकि उसने यों हीं सफलता घ) अन्धे के हाथ बटेर लग गई है
तुक्के से प्राप्त की है

(iv) अहंकार करने वाले का क्या हाल होता है-गद्यांश के आधार पर बताइए।

क) दर-दर भीख माँगनी पड़ती है ख) नाश होता है

ग) उसे नरक के समान जीना पड़ता घ) सभी


है

(v) वक्ता की मनः स्थिति का वर्णन करके लिखिए।

क) सभी ख) असफल होने की कुं वा, छोटे


भाई को कहने में न रख पाने की
हताशा होना

ग) वह अपमान और उपेक्षा से घ) छे टे भाई की मौज मस्ती,


पीड़ित व कर्त्तव्यबोध होना सफलता और इर्ष्या आदि से
उसका मन चित्त विचलित होना

8. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में दीजिए: [6]

(i) मोनुमेंट के नीचे सभा क्यों की जा रही थी? 'डायरी का एक पन्ना' पाठ के आधार पर [2]
लिखिए।

(ii) जापानी लोगों में मानसिक बीमारियाँ क्यों बढ़ रही हैं? [2]

(iii) सआदत अली कौन था? उसने वज़ीर अली की पैदाइश को अपनी मौत क्यों समझा? [2]

(iv) शैलेन्द्र ने राजकपूर की भावनाओं को शब्द किस प्रकार दिए? स्पष्ट कीजिए। [2]

खंड ग - काव्य खंड (पाठ्यपुस्तक)


9. अनुच्छे द को ध्यानपूर्वक पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये: [5]
विचार लो कि मर्त्य हो न मृत्यु से डरो कभी,
मरो, परं तु यों मरो कि याद जो करें सभी।
हुई न यों सुमृत्यु तो वृथा मरे , वृथा जिए,
मरा नहीं वही कि जो जिया न आपके लिए।
वही पशु-प्रवृत्ति है कि आप आप ही चरे ,
वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे ।।

(i) कवि ने किसकी मृत्यु को सुमृत्यु माना है?

क) परोपकारी मनुष्य की ख) शिक्षित मनुष्य की


ग) अमीर मनुष्य की घ) स्वार्थी मनुष्य की

(ii) कवि के अनुसार पशु-प्रवृत्ति क्या होती है?

क) के वल अपने लिए जीना ख) देश के लिए जीना

ग) इनमें से कोई नहीं घ) दू सरों के लिए जीना

(iii) मरा नहीं वही कि जो जिया न आपके लिए पंक्ति का क्या आशय है?

क) जिसकी इच्छाएँ कभी पूरी नहीं ख) जो अपने लिए जीता है, वह


होतीं, वह कभी नहीं मरता। कभी नहीं मरता।

ग) जो अपना जीवन परोपकार में घ) जो पशुओं की भाँति जीता है, वह


लगा देता है, वह कभी नहीं कभी नहीं मरता।
मरता।

(iv) अमर कौन हो जाता है?

क) परोपकार करने वाला ख) तपस्या करने वाला

ग) पशु के समान जीवन जीने वाला घ) राज करने वाला

(v) हमारा मरना और जीना कब व्यर्थ है ?

क) धनी होने पर ख) सुमृत्यु होने पर

ग) सुमृत्यु न होने पर घ) निर्धन होने पर

10. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में दीजिए: [6]

(i) मीराबाई कौन-कौन-से तर्क देकर श्रीकृ ष्ण से दर्शन देने की प्रार्थना कर रही हैं? [2]

(ii) उठ रहा धुआँ, जल गया ताल! कवि ने ऐसा क्यों कहा है? पर्वत प्रदेश में पावस कविता [2]
के माध्यम से स्पष्ट कीजिए।

(iii) शहीद होने वाले सैनिक ने अपने साथियों से क्या कहा? कर चले हम फ़िदा कविता के [2]
आधार पर लिखिए।

(iv) आत्मत्राण कविता के माध्यम से कवि ने अपने अंतर्मन की भावना को किस प्रकार [2]
अभिव्यक्त किया है?

खंड ग - संचयन (पूरक पाठ्यपुस्तक)


11. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में दीजिए: [6]

(i) परिवार की स्वार्थपरता तथा हरिहर काका की उपेक्षा एवं उचित देखरे ख न किए जाने के [3]
वर्णन को पढ़कर आपके मन पर क्या और कै सा प्रभाव पड़ता है? अपने घर में आप ऐसी
स्थिति को कै से सँभालते?

(ii) आजकल बच्चों में अनुशासन और जीवन-मूल्यों के विकास के लिए शिक्षा व्यवस्था में [3]
कौन सी युक्तियाँ अपनाई जा रही हैं? सपनों के -से दिन पाठ के संदर्भ में अपने विचार
लिखिए।

(iii) समाज में समरसता बनाए रखने के लिए टोपी और इफ़्फ़न जैसे पात्रों का होना [3]
आवश्यक है। तर्क देकर पुष्टि कीजिए।

खंड घ - रचनात्मक लेखन


12. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में अनुच्छे द लिखिये: [5]

(i) सत्यमेव जयते विषय पर दिए गए संके त बिंदुओं के आधार पर 80-100 शब्दों में [5]
अनुच्छे द लिखिए।
भाव
झूठ के पाँव नहीं होते
सत्य ही परम धर्म

(ii) समय का सदुपयोग विषय पर संके त बिन्दुओं के आधार पर 80-100 शब्दों में अनुच्छे द [5]
लिखिए:
क्यों
कै से
दुरुपयोग के ख़तरे

(iii) आत्मनिर्भरता विषय पर लगभग 80 से 100 शब्दो में अनुच्छे द लिखिए। [5]

13. आपका नाम अनामिका/अनामय है। पिछले महीने आपने अपना घर बदला है। अपने बैंक [5]
खाते में पुराने पते के स्थान पर अपना नया पता बदलवाने के लिए संबंधित बैंक प्रबंधक को
लगभग 100 शब्दों में एक पत्र लिखें।

अथवा
आप अपने विद्यालय के रसायन विज्ञान के अध्यापक हैं। रसायन विज्ञान की प्रयोगशाला के लिए
आवश्यक उपकरण मँगवाने हेतु उपकरण विक्रे ता को लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए।

14. आप विनीत/विनीता हैं। आप निवासी कल्याण संघ के सचिव हैं। सोसायटी के निवासियों [4]
की सुरक्षा हेतु कै मरे लगवाए गए हैं। इसकी सूचना देते हुए लगभग 50 शब्दों में सूचना
लिखिए।

अथवा
आपके विद्यालय में आपदा प्रबंधन कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। छात्र कल्याण
परिषद् के सचिव होने के नाते कक्षा 9 से 12 तक सभी छात्रों को इस कार्यशाला की विस्तृत
जानकारी देते हुए लगभग 60 शब्दों में एक सूचना-पत्र तैयार कीजिए।

15. आपके शहर में एक नया वाटर पार्क खुला है, जिसमें पानी के खेल, रोमांचक झूलों, [3]
मनोरं जक खेलों और खान-पान की व्यवस्था है। इसके लिए एक विज्ञापन का आलेख लगभग
50 शब्दों में तैयार कीजिए।

अथवा
आपके बड़े भाई ने कक्षा 10-12 तक के छात्रों को गणित निः शुल्क पढ़ाने का निर्णय लिया है। इस
विषय में आवश्यक जानकारी देते हुए एक आकर्षक विज्ञापन 60 शब्दों में तैयार कीजिए।

16. किसी कॉलेज में हिन्दी विषय में सहायक अध्यापक के रिक्त पद की जानकारी के लिए ईमेल [5]
लिखिए।

अथवा
लॉकडाउन में गरीब विषय पर लगभग 100-120 शब्दों में एक लघुकथा लिखिए।
Solution
SAMPLE QUESTION PAPER - 3
Hindi B (085)
Class X (2024-25)
खंड क - अपठित बोध
1. 1. (ख) नेपाल में आए भूकं प की याद हो आने के कारण काठमांडू पर लिखने के लिए लेखक की
अंगुलियाँ काँप रहीं थीं क्योंकि इस घटना ने उन्हें भावनात्मक स्तर पर हिला कर रख दिया था।
2. (क) न्यूज चैनलों में जब काठमांडू के धरहरा स्तंभ को भरभराकर गिरते दिखाए जाने लगा तो
लेखक धरहरा में मिले फे री लगाकर सामान बेचनेवालों, मधुर बाँसुरी वादक और पर्यटकों के बारे
में चिंता कर दुः खी और हताश हो गया। वह मन ही मन उनकी कु शलता के विषय में विचारने
लगा।
3. (क) काली नदी नेपाल में बहने वाली एक नदी है जो भारत और नेपाल की सीमा पर है।
4. नेपाल एक पहाड़ी इलाका है तथा वहाँ पहाड़ों पर पर्याप्त समतल ज़मीन नहीं होने से कृ षि व अन्य
रोजगार के साधन भी सीमित होते हैं जिसके कारण पुरुष नीचे मैदानी इलाकों में कमाने के लिए
जाते हैं और घर परिवार की सारी ज़िम्मेदारी महिलाओं पर आ जाती हैं। गाँव की महिलाएँ खेती व
शहरी महिलाएँ व्यवसाय सँभालती है।इस तरह हम कह सकते हैं कि औरतें ही नेपाली
अर्थवयवस्था का आधार है।
5. काठमांडू से लौटते समय लेखक ने रास्ते में बर्फ से ढँ की चोटियाँ, छोटे-बड़े नगर-गाँव और कस्बे
देखे। घरों के बाहर कटी हुई मक्का की फसल के गुच्छे खूँटियों पर लटके देखे तथा राह में काली
नदी बहती दिखाई दी।
2. 1. (ख) मोहक प्रकृ ति से दू र सोए रहने वालों को अभागा कहा गया है।
2. (क) चारपाई।
3. (घ) सूर्य + उदय
4. प्रातः काल के समय वन, खेत, उपवन या नदी तट की सैर मन को अपार आनंद प्रदान करती है।
5. जब पुष्प विकसित होते हैं, कमल मुसकाते हैं, पेड़ों पर पक्षी चहचहाते हैं और पवन शीतल और
सुगंधमय होती है, तब हमें मोहक प्रकृ ति का अनुभव होता है।
खंड ख - व्यावहारिक व्याकरण
3. i. विशेषण पदबंध
ii. लोहे की बड़ी अलमारी
iii. दो ताकतवर लोग
iv. सर्वनाम पदबंध
v. बरगद और पीपल की घनी छाँव
4. i. बालक रो-रोकर चुप हो गया।
ii. उसे फल खरीदने थे इसलिए बाज़ार गया।
iii. वह वास्तव में बहुत धनी है परं तु उसमें कु छ भी अभिमान नहीं है।
iv. जब आप द्वार पर बैठें तब उसकी प्रतीक्षा करें ।
v. सूर्योदय होने पर चिड़ियाँ चहचहाने लगीं।
5. i. पाप-पुण्य = पाप और पुण्य (द्वंद्व समास)
ii. नीलकं ठ = नीला है कं ठ जिसका अर्थात् शिव (बहुब्रीहि समास), नीला है जो कं ठ (कर्मधारय
समास)
iii. बातों-बातों से जो लड़ाई हुई = बातों-बात (बहुब्रीहि समास)
iv. राम और कृ ष्ण = राम-कृ ष्ण (द्वंद्व समास)
v. पाँचों वटों का समाहार = पाँच वटों का समूह - पंचवटी (द्विगु समास)
6. i. आँखों में धूल झोंकना - गिरीश की आँखों में धूल झोंककर गोविन्द भाग गया।
ii. कू ट-कू ट कर भरना - भगत सिंह में देशभक्ति की भावना कू ट-कू ट कर भरी हुई थी।
iii. हक्का-बक्का रह जाना - रानी लक्ष्मीबाई की वीरता को देखकर अंग्रेज सरकार हक्का-बक्का रह
गए।
iv. अपने पैरों पर खड़े होना - हर माँ-बाप का सपना होता है कि उनके बच्चे अपने पैरों पर खड़े हो
जाएं ।
v. हाथ मलना - पुलिस हाथ मलती रह गई और चोर भाग गया।
खंड ग - गद्य खंड (पाठ्यपुस्तक)
7. अनुच्छे द को ध्यानपूर्वक पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
शैतान का हाल भी पढ़ा ही होगा। उसे यह अभिमान हुआ था कि ईश्वर का उससे बढ़कर सच्चा भक्त
कोई है ही नहीं। अंत में यह हुआ कि स्वर्ग से नरक में ढके ल दिया गया। शाहेरूम ने भी एक बार
अहंकार किया था। भीख माँग-माँगकर मर गया। तुमने तो अभी के वल एक दरजा पास किया है और
अभी से तुम्हारा सिर फिर गया, तब तो तुम आगे पढ़ चुके । यह समझ लो कि तुम अपनी मेहनत से
नहीं पास हुए, अँधे के हाथ बटेर लग गई। मगर बटेर के वल एक बार हाथ लग सकती है, बार-बार
नहीं लग सकती। कभी-कभी गुल्ली-डंडे में भी अँधा-चोट निशाना पड़ जाता है। इससे कोई सफल
खिलाड़ी नहीं हो जाता। सफल खिलाड़ी वह है, जिसका कोई निशाना खाली न जाए।
(i) (ख) उपर्युक्त सभी
व्याख्या:
उपर्युक्त सभी
(ii) (घ) उपर्युक्त सभी।
व्याख्या:
उपर्युक्त सभी।
(iii)(ग) क्योंकि उसने यों हीं सफलता तुक्के से प्राप्त की है
व्याख्या:
क्योंकि उसने यों हीं सफलता तुक्के से प्राप्त की है
(iv)(घ) सभी
व्याख्या:
सभी
(v) (घ) छे टे भाई की मौज मस्ती, सफलता और इर्ष्या आदि से उसका मन चित्त विचलित होना
व्याख्या:
छे टे भाई की मौज मस्ती, सफलता और इर्ष्या आदि से उसका मन चित्त विचलित होना
8. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में दीजिए:
(i) अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से 26 जनवरी 1930 को स्वतंत्रता दिन मनाने का आह्वान
किया गया था। अगले वर्ष यानी 26 जनवरी 1931 को यादगार बनाने के लिए तथा लोगों में प्रेरणा
निर्माण करने के लिए कलकत्ता में मोनुमेंट के नीचे सभा आयोजित की जा रही थी। इस सभा के
द्वारा भारत को अंग्रेज़ों की दासता से पूर्ण रूप से मुक्त कराने के लिए शहरवासियों में जागृति
निर्माण की जा सकती थी।
(ii) जापानी लोगों में मानसिक बीमारियाँ बढ़ रही हैं जिसका कारण जीवन की रफ्तार का बहुत
अधिक बढ़ जाना है। वहाँ लोग चलते नहीं अपितु दौड़ते हैं। जीवन की तेज भाग-दौड़ के कारण
लोगों को अके लापन महसूस होता है और वे तनाव के शिकार हो जाते हैं। विकसित देशों से
प्रतिस्पर्धा करने के कारण एक महीने का काम एक दिन में करने की कोशिश होती है और दिमाग
हमेशा हज़ार गुना अधिक गति से दौड़ता है जो तनाव बढ़ाता है।
(iii)सआदत अली अवध के नवाब का भाई था। अवध के नवाब आसिफ़उद्दौला की कोई संतान न
होने के कारण सआदत अली का अपने भाई के बाद अवध का नवाब बनना तय था, परं तु वजीर
अली के पैदा होने के बाद उसके सारे सपने खाक में मिल गए | यही कारण था कि उसने वज़ीर
अली की पैदाइश को अपनी मौत समझा।
(iv)राजकपूर आँखों से अभिनय करते थे। वे अपनी भावनाओं को आँखों के माध्यम से प्रकट किया
करते थे। शैलेन्द्र ने अपने भाव-प्रवीण शब्दों व गीतों द्वारा उनकी भावनाओं को शब्द दिए हैं।
राजकपूर ने भी अपने सहयोगी की फिल्म में उतनी ही तन्मयता के साथ काम किया।

खंड ग - काव्य खंड (पाठ्यपुस्तक)


9. अनुच्छे द को ध्यानपूर्वक पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
विचार लो कि मर्त्य हो न मृत्यु से डरो कभी,
मरो, परं तु यों मरो कि याद जो करें सभी।
हुई न यों सुमृत्यु तो वृथा मरे , वृथा जिए,
मरा नहीं वही कि जो जिया न आपके लिए।
वही पशु-प्रवृत्ति है कि आप आप ही चरे ,
वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे ।।
(i) (क) परोपकारी मनुष्य की
व्याख्या:
परोपकारी मनुष्य की
(ii) (क) के वल अपने लिए जीना
व्याख्या:
के वल अपने लिए जीना
(iii)(ग) जो अपना जीवन परोपकार में लगा देता है, वह कभी नहीं मरता।
व्याख्या:
जो अपना जीवन परोपकार में लगा देता है, वह कभी नहीं मरता।
(iv)(क) परोपकार करने वाला
व्याख्या:
परोपकार करने वाला
(v) (ग) सुमृत्यु न होने पर
व्याख्या:
सुमृत्यु न होने पर

10. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में दीजिए:
(i) मीराबाई निम्नलिखित तर्क देकर श्रीकृ ष्ण से दर्शन देने की प्रार्थना कर रही हैं-
मीरा कहती है यह कृ ष्ण भगवान आप भक्तों की रक्षा करने वाले हो। जिस प्रकार आपने अपने
भक्तों की रक्षा करके उनको दर्शन दिए हैं उसी प्रकार मुझे भी दर्शन दीजिए। भगवान का
भक्तवत्सल रूप याद दिलाने के लिए वह तीन उदाहरण देती हैंं।
i. हे प्रभु! आपने द्रौपदी की लाज बचाकर उसे उबारा था, उस प्रकार मुझे भी बचाइए।
ii. आपने गजराज को मगरमच्छ से बचाया था, इसलिए मुझे भी उबारें ।
iii. आपने नरसिंह रूप धारण कर भक्त प्रह्लाद को हिरण्यकश्यप से बचाया था, उसी प्रकार मेरी
भी रक्षा कीजिए।
iv. मैं भी आपकी भक्त हूँ इसलिए उन्हीं की तरह मुझे भी दर्शन दीजिए।
(ii) कविता के अनुसार कवि ने ऐसा इसीलिये कहा है क्योंकि पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश के समय तालों
के ऊपर धुंध सा छाया हुआ है जो ऐसा प्रतीत होता है जैसे तालों में आग लग गयी हो और उनसे
धुआँ उठ रहा हो।
(iii)कर चले हम फ़िदा जानो तन’ के माध्यम से सैनिक देशवासियों और युद्ध कर रहे अपने साथियों
से यह कहना चाहते हैं कि उन्होंने साहस और वीरता से अपने देश की रक्षा की है। अपने तन में
प्राण रहते हुए उन्होंने देश की मर्यादा और प्रतिष्ठा पर आँच नहीं आने दिया। उन्होंने अपने सीने
पर गोलियाँ खाकर देश के लिए अपने प्राणों को उत्सर्ग कर दिया है। अब देश की रक्षा के लिए
तुम भी अपने प्राणों की बाजी लगा देना।
(iv) विपत्तियों से बचने की नहीं, निर्भय होकर उनसे संघर्ष करने की शक्ति
धैर्यवान होकर अपने उत्तरदायित्व का वहन करना
ईश्वर के प्रति विश्वास में किसी प्रकार का संशय नहीं
सहायता के स्थान पर पुरुषार्थ की कामना

खंड ग - संचयन (पूरक पाठ्यपुस्तक)


11. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में दीजिए:
(i) हरिहर काका की उपेक्षा एवं उचित देखरे ख न किए जाने तथा परिवार की स्वार्थपरता के वर्णन
को पढ़कर हमारा मन व्यथित हो गया। इससे लगता है कि समाज में रिश्तों की अब अहमियत
समाप्त होती जा रही है। परिवार और रिश्ते दोनों ही अपनी भूमिका छोड़ रहे हैं। उनमें स्वार्थ
लोलुपता आती जा रही है। पारिवारिक सम्बन्धों से भाई-चारा समाप्त होकर स्वार्थ लिप्सा हिंसावृत्ति
का रूप ले रही है जिससे सामाजिक रिश्तों में दू रियाँ आ रही हैं। हम अपने घर में ऐसी स्थिति को
संभालने के लिए पहले से ही धैर्य रखते हुए कानूनी तौर पर वसीयत बनवाते। जिसमें स्पष्ट रूप से
यह लिखवा देते कि खेतों से आने वाली आय का एक हिस्सा उसको मिलेगा जो उनकी सेवा
करे गा। इतना ही नहीं अतिशय उद्वेग को नियंत्रित रखते हुए कोई भी निर्णय लेने में सावधानी
रखते।
(ii) विद्यार्थियों को अनुशासन में रखने के लिए पाठ में अपनाई युक्तियाँ इस प्रकार से हैं-पीटी साहब
बिल्ला मार-मारकर बच्चों की चमड़ी तक उधेड़ देते थे। तीसरी-चौथी कक्षाओं के बच्चों से थोड़ा-
सा भी अनुशासन भंग हो जाता, तो उन्हें कठोर सज़ा मिलती थी ताकि वे विद्यार्थी के जीवन में
अनुशासन की नींव दृढ़ बना सकें । इसके साथ-साथ विद्यार्थियों को प्रोत्साहित तथा उत्साहित करने
के लिए उन्हें ‘शाबाशी’ भी दी जाती थी। लेकिन वर्तमान में स्वीकृ त मान्यताएँ इसके विपरीत हैं।
शिक्षकों को आज विद्यार्थियों को पीटने का अधिकार नहीं है इसलिए विद्यार्थी निडर होकर
अनुशासनहीनता की ओर बढ़ रहे हैं, क्योंकि आज पहले की भाँति विद्यार्थी शिक्षकों से डरते नहीं
हैं। इसके लिए विद्यालय और माता-पिता दोनों जिम्मेवार हैं। बच्चों में अनुशासन का विकास करने
के लिए उन्हें शारीरिक व मानासिक यातना देना उचित नहीं। उन्हें प्रेमपूर्वक नैतिक मूल्य सिखाए
जाने चाहिए, जिनसे उनमें स्वानुशासन का विकास हो सके ।
(iii)समाज में समरसता बनाए रखने के लिए टोपी और इफ़फ़न जैसे पात्रों का होना आवश्यक है।
इसके लिए निम्न तर्क दिए जा सकते हैं-
पहला- इफ़्फ़न और टोपी जिगरी दोस्त है। दोनों आज़ाद प्रवृत्ति के हैं। अलग-अलग धर्म के होने
पर भी दोनों में आत्मीयता है। दोनों एक-दू सरे के धर्मों का सम्मान करते हैं। सुख-दुख में सहभागी
होते हैं तथा एक-दू सरे के मनोभावों को समझते हैं। दू सरा- दोनों धार्मिक सद्भावना के प्रत्यक्ष
उदाहरण हैं। दोनों का विचार है कि प्रेम न जाने जात-पाँत, प्रेम न जाने खिचड़ी-भात। दोनों अपने
प्रेम के आड़े धर्म और जात-पाँत को नहीं आने देते हैं। मित्रता सामाजिक सौहार्द्र में सहायक होती
है। तीसरा- तर्क यह दिया जा सकता है कि दोनों अपने प्रेम में रहन-सहन, हैसियत व रीति-रिवाज
को नहीं आने देते थे। टोपी संपन्न परिवार से था तथा इफ़्फ़न सामान्य परिवार से, पर इससे दोनों
की मित्रता में कोई कमी नहीं थी।

खंड घ - रचनात्मक लेखन


12. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में अनुच्छे द लिखिये:
(i) ‘सत्यमेव जयते’ मुंडकोपनिषद से लिया गया यह वाक्य भारत का राष्ट्रीय वाक्य है। इस वाक्य का
अर्थ है- ‘सत्य ही जीतता है।’ सत्य की जीत और झूठ की हार की कहानियाँ सब लोग बचपन से
सुनते-सुनाते आ रहे हैं, फिर भी बहुत कम लोग सत्य के पक्ष में खड़े होने का साहस दिखाते हैं।
सत्य कटु होता है, अप्रिय होता है, अरुचिकर होता है और सबसे बड़ी बात सत्य होते हुए भी इसे
अग्नि परीक्षा से गुजरना पड़ता है परन्तु अंत में सत्य ही जीतता है। झूठ कभी स्थायी रूप से अपना
प्रभाव बनाए नहीं रख सकता, क्योंकि उसके पाँव नहीं होते, वह हमेशा दू सरों के सहारे चलता है।
सत्य हमारे चारों ओर हैं, जिन्हें हम देखते हैं और सत्य ही सबसे बड़ा धर्म है। महाभारत में सत्य
को स्वर्ग का सोपान बताया गया है-सत्यं स्वर्गस्य सोपानम्। सत्य की अलौकिक महिमा के कारण
ही पंडित मदन मोहन मालवीय ने राष्ट्रीय स्तर पर ‘सत्यमेव जयते’ मन्त्र का प्रचार किया और इसे
भारत का राष्ट्रीय वाक्य घोषित किया गया।
(ii) समय का सदुपयोग
मानव-जीवन में समय सबसे अधिक मूल्यवान् है। समय को 'काल' भी कहते हैं। समय निरन्तर
गतिशील, क्षणभंगुर और परिवर्तनशील है। मनुष्य ने आज ज्ञान-विज्ञान की सहायता से भौतिक
साधनों पर अधिकार कर लिया है, परन्तु समय अपराजेय है। भूली हुई विद्या, खोई हुई इज्जत, नष्ट
हुआ धन, गिरा हुआ स्वास्थ्य और बिछु ड़े हुए मित्र या सम्बन्धी पुनः मिल सकते हैं, परन्तु बीता
हुआ समय पुनः नहीं मिलता है।
समय सबके लिए समान है और समय कभी किसी की प्रतीक्षा नहीं करता। समय का सदुपयोग न
करने वाला पछताता है। इसीलिए कहा गया है कि "समय चूकि पुनि का पछिताने।"
मानव-जीवन की सफलता का रहस्य समय के सदुपयोग में छिपा हुआ है। समय के सदुपयोग से
सामान्य व्यक्ति भी महान् बन जाता है। संसार में जितने भी महापुरुष हुए हैं, उनके जीवन की
सफलता का रहस्य समय का सदुपयोग ही रहा है। समय या काल रोके नहीं रुकता, वह तो
चलता ही रहता है, इसलिए समय की प्रतीक्षा करने वाला नासमझ माना जाता है।
समय का सदुपयोग जो कर सके , वही सफल जीवन जीता है। समय का उचित उपयोग न करने
से जीवन में निराशा, असफलता, असन्तोष और हानि ही हाथ लगती है। समय का दुरुपयोग करने
वाला व्यक्ति आलसी, गप्पी, पर-निन्दक, व्यर्थ घूमने वाला, नासमझ एवं कर्तव्यहीन होता है। ऐसा
व्यक्ति जीवनभर अभावों एवं कष्टों से घिरा रहता है। समय का सदुपयोग करने से न के वल व्यक्ति
का, अपितु समस्त समाज एवं राष्ट्र का हित होता है।
(iii)आत्मनिर्भरता का अर्थ है-स्वयं पर निर्भर होना। अपनी शक्तियों के बल पर व्यक्ति सदा स्वतन्त्र
तथा सुखी जीवन जीता है। ईश्वर भी उसी की सहायता करता है, जो अपनी सहायता अर्थात् अपना
कार्य स्वयं करते हैं। इसके विपरीत जिन लोगों को दू सरों का आश्रय लेने की आदत पड़ जाती है,
वे उन लोगों और आदतों के गुलाम बन जाते हैं। उनके भीतर सोई हुई शक्तियाँ मर जाती हैं।
उनका आत्मविश्वास घटने लगता है। संकट के क्षण में ऐसे पराधीन व्यक्ति झट से घुटने टेकने को
विवश हो जाते हैं। जिन्हें छड़ी से चलने का अभ्यास हो जाता है, उनकी टाँगों की शक्ति कम होने
लगती है। इसलिए अन्य लोगों की बैसाखियों को छोड़कर अपने ही बल-बूते पैर मजबूत करने
चाहिए, क्योंकि संकट के क्षण में बैसाखियाँ काम नहीं आती। वहाँ अपनी शक्तियाँ, अपना रुधिर
काम आता है। आत्मनिर्भर व्यक्ति ही नये-नये कार्य सम्पन्न करने की हिम्मत कर सकता है। वह
विश्वासपूर्वक अपना तथा समाज का भला कर सकता है। वही स्वयं को स्वतन्त्र अनुभव करता है
तथा गौरव से जी सकता है। आत्मनिर्भर व्यक्ति ही स्वाभिमान से जी पाता है। जब तक हम दू सरों
के सहारे पर टिके हैं तब तक हमें सम्मान नहीं मिल सकता।

13. सेवा में,


श्रीमान शाखा प्रबंधक महोदय,
स्टैट बैंक ऑफ इंडिया
विषय: बैंक खाते में पता परिवर्तन हेतु आवेदन
महाशय,
सविनय निवेदन है कि मैं अनामिका/अनामय, आपके बैंक का खाताधारक हूँ। मेरा खाता संख्या
[110XXXXXXXX] है। पिछले महीने मैंने अपना घर बदला है और अब मेरा नया पता [नया पता]
है। अतः कृ पया मेरे बैंक खाते में पुराने पते के स्थान पर नया पता अपडेट करने की कृ पा करें ।
मेरे खाते से संबंधित सभी दस्तावेज़ों को नए पते पर भेजा जाए, ताकि मुझे किसी प्रकार की असुविधा
न हो। मैंने अपने पहचान पत्र और नए पते का प्रमाण पत्र भी संलग्न किया है।
आपकी सहायता के लिए मैं आभारी रहूँगा/रहूँगी।
धन्यवाद।
भवदीय,
अनामय/अनामिका
खाता संख्या- XX
मोबाइल नंबर- XX
अथवा
प्रति,
विक्रे ता,
ज्ञान भंडार गृह, रायपुर (छ.ग.)।
विषय - रसायन विज्ञान की प्रयोगशाला के लिए आवश्यक उपकरण मँगवाने हेतु पत्र।
महाशय,
मैं राजेंद्र सिंह, डीएवी पब्लिक स्कू ल में रसायन विज्ञान का अध्यापक हूं। जो स्कू ल राजेंद्र नगर,
रायपुर (छ.ग.) में स्थित है। आपको इस पत्र के माध्यम से यह सूचित करना चाहता हूं कि हमारी
प्रयोगशाला के लिए कु छ आवश्यक उपकरणों की आवश्यकता है। हम विद्यालय के शिक्षार्थियों के
लिए बेहतर सीखने के लिए नवीनतम और उपयुक्त उपकरणों की आवश्यकता महसूस कर रहे हैं।
हमें निम्नलिखित उपकरणों की जरूरत है : –
1. रसायन विज्ञान के लिए लेबोरे टरी कीमती के मिकल्स और रिएजेंट्स।
2. प्रयोगशाला में उपयुक्त उपकरणों की सुविधा के लिए लैब इंस्ट्रू मेंट्स जैसे कि बीचर, बलांस,
फ्लास्क, ट्यूब, इत्यादि।
3. उच्च गुणवत्ता के साथ सुरक्षित और पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति की जरूरत है।
कृ पया विवरण और मूल्य समेत उपलब्धता देने की कृ पा करें । इसके अलावा आप समयबद्ध
डिलीवरी सुनिश्चित करें ताकि हमारे विद्यालय की प्रयोगशाला बिना किसी अवरुद्ध के शिक्षा के लिए
तत्परता से तैयार हो सके ।
अतः हम आपकी शीघ्र प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा करें गे एवं इस कार्य हेतु सदा आभारी रहेंगे।
सधन्यवाद !
भवदीय
राजेंद्र सिंह,
अध्यापक, रसायन विज्ञान,
डीएवी पब्लिक स्कू ल, रायपुर (छ.ग.)।
24 फरवरी, 2024
गोविंद नगर
गोकु लधाम कॉलोनी
निवासी कल्याण संघ
आवश्यक सूचना
तिथि - 24.04.2022
दिनांक 22.04.2022 को सचिव जी ने सोसायटी के निवासियों की सुरक्षा हेतु परिसर में कै मरे
लगवाए हैं, जिससे हम सभी की सुरक्षा हो सके । इसके लिए गोकु लधाम कॉलोनी के सभी निवासियों
से अनुरोध है कि वे सतर्क रहे सुरक्षित रहे।
निवेदक
विनीत
14. (सचिव)
अथवा
डीएवी पब्लिक स्कू ल, गांधीनगर, रायपुर
सूचना
8 जून, 2024
आपदा प्रबंधन कार्यशाला का आयोजन
9वीं से 12वीं तक के सभी छात्रों को सूचित किया जाता है कि आपदा प्रबंधन की ओर से हमारे
विद्यालय में एक कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें आपदा प्रबंधन से संबंधित
आवश्यक जानकारियाँ साझा की जाएगी। यह कार्यशाला दिनांक - 12 जून, 2024, समय - शाम 5
बजे, स्थान - विद्यालय परिसर में आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी के लिए
आप अपने कक्षा शिक्षक से सम्पर्क करें ।
अतः आप सभी विद्यार्थियों से अनुरोध है कि इस कार्यशाला में उपस्थित होकर आपदा प्रबंधन की
जानकारी लें और इस आयोजन को सफल बनाएं ।
धन्यवाद
सचिव
छात्र कल्याण परिषद्
आगया! आगया! आगया!
ब्लू वर्ड वाटर पार्क

अब आपके शहर में! आज ही आएँ और मस्ती करें !


पानी के विभिन्न खेल।
रोमांचक झूले।
खान-पान की स्वच्छ व्यवस्था।
मनोरं जन की व्यवस्था।
जल्दी करें !
पहले सौ ग्राहकों कों एक महीने का मुफ्त पास!
15. पता : 31/204 सेक्टर - बी, अ ब स नगर मोबइल नं. - 12345...
अथवा
विवेक कोचिंग सेंटर

निः शुल्क गणित शिक्षा


इन गर्मी की छु ट्टियों में गणित का ज्ञान पाइए:
गणित का उच्चकोटि का ज्ञान
व्यवस्थित एवं शांतिपूर्ण वातावरण
योग्य व अनुभवी अध्यापकों द्वारा पढ़ाई का ज्ञान
कक्षा 10 से 12 तक के छात्रों को निः शुल्क पढ़ाने की व्यवस्था
मौखिक व लिखित कक्षाएँ
के वल 10 वीं से 12 वीं के छात्रों के लिए
प्रवेश प्रारं भ
संपर्क करें : सरोजिनी नगर, दिल्ली
फोन नं: 022-5001221
16. From : hsk@[Link]
To : kmu@[Link]
CC ...
BCC ...
विषय - हिन्दी विषय में सहायक अध्यापक के रिक्त पद की जानकारी
कला संकाय प्रमुख
सी.ई.एम, करमपुरा
Delhi -110015

माननीय महोदय,
सादर सूचित करना चाहती हूँ कि में रीना दत्त हिन्दी विभाग की शोध छात्रा हूँ। मेरी पी.एच.डी.
समाप्त होने की ओर अग्रसर है। महोदय हिन्दी विभाग में सहायक अध्यापक के कु ल कितने पद
रिक्त हैं? कृ पया जानकारी प्रदान करें ।
आपसे सहयोग की अपेक्षा में
धन्यवाद
रीना दत्त
अथवा
लॉकडाउन में गरीब
ये वाकया उस वक्त का है जब पूरे देश में कोरोना के कारण लॉकडाउन लगा हुआ था। मैं जहाँ रहता
हूँ, वहाँ से थोड़ी दू र एक बस्ती है जिसमें गरीब मजदू र रहते हैं। हुआ ऐसा कि एकदिन मैं वहाँ से
गुजर रहा था, तो मैंने एक झोपड़े से कु छ आवाजें सुनी। उस घर के बच्चे भूखे थे और वे खाना माँग
रहे थे। मैंने पास ही खड़े एक आदमी से पूछा कि कु छ कठिनाई है क्या? मेरी बात सुनकर वो बोला
कि बंदी होने के कारण सारे काम बंद हैं और काम नहीं होने के कारण हमें पैसे नहीं मिल रहे हैं।
लगभग पूरे बस्ती की यही स्थिति थी कि सभी घरों में खाने की सामग्री या तो नहीं थी या फिर बहुत
कम थी। इस पर मैंने उनसे पूछा कि सरकार ने तो सभी के लिए खाने की व्यवस्था मुफ्त में की है, तो
उनमें से एक ने कहा कि हम अपना राशन लेने के लिए गए थे लेकिन हमें कु छ भी नहीं मिला और
हमें बताया गया कि अनाज आया ही नहीं है।
मैं और मेरे कु छ दोस्तों ने मिलकर इनकी मदद करने की ठानी। हम सभी अपने घरों से कु छ राशन
लेकर आए और आस पास और लोगों को भी मदद के लिए प्रोत्साहित किया ताकि 2-3 दिन के लिए
उन्हें भोजन मिल जाए। इसी बीच एक NGO ने आकर उनके भोजन की व्यवस्था करने का भरोसा
दिया।

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