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SAMPLE QUESTION PAPER - 1

Hindi B (085)
Class X (2024-25)

निर्धारित समय: 3 hours अधिकतम अंक: 80


सामान्य निर्देश:
इस प्रश्नपत्र में चार खंड हैं - क, ख, ग और घ
खंड क में अपठित गदयांश से प्रश्न पूछे गए हैं, जिनके उत्तर दिए गए निर्देशों का पालन करते
हुए दीजिए।
खंड ख में व्यावहारिक व्याकरण से प्रश्न पूछे गए हैं, आंतरिक विकल्प भी दिए गए हैं।
खंड ग पाठ्यपुस्तक पर आधारित है, निर्देशानुसार उत्तर दीजिए।
खंड घ रचनात्मक लेखन पर आधारित है आंतरिक विकल्प भी दिए गए हैं।
प्रश्न पत्र में कु ल 16 प्रश्न हैं, सभी प्रश्न अनिवार्य है।
यथासंभव सभी खंडों के प्रश्नों के उत्तर क्रमशः लिखिए।
खंड क - अपठित बोध
1. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए। [7]
भरपेट मांस वही शेर खा सकता हैं जो अपने हाथ पाँव हिलाता है, घर से बाहर निकलता है
दौड़ धूप करता है और कभी कभी बलवान हाथियों से भी लोहा लेने के लिए तैयार रहता है।
इस दौड़ धूप का नाम ही परिश्रम है। इसी को उद्यम कहते हैं। पुरुषार्थ भी इसी का
पर्यायवाची है। परिश्रम के साथ साथ ईमानदारी का होना भी आवश्यक है। सदा सोच
समझकर उचित स्थान पर परिश्रम करना चाहिए तभी वह परिश्रम सफल हो सकता है वरना
उसका परिणाम निष्फल हो जाएगा। जीवन में परिश्रम से ही सफलता मिलती है। मन में
के वल इच्छा कर लेने से नहीं मेहनत बड़े पुरुष या व्यक्ति बनने की निशानी है। इसीलिए
विद्यार्थियो ! यदि तुम भी जीवन में कु छ करतब कर दिखाना चाहते हो तो परिश्रम रूपी लाठी
का सहारा लो।
1. 'ईमानदारी' और 'सफलता' में मूलशब्द व प्रत्यय को अलग-अलग कीजिए। (1)
(क) ईमान + दारी, सफ + लता
(ख) ईमानदा + री, सफल + ता
(ग) ईमान + दारी, सफल + ता
(घ) ईमान + दारी, स + फलता
2. परिश्रम का ही दू सरा नाम क्या है? (1)
(क) उद्यम
(ख) ईमानदारी
(ग) सफलता
(घ) हिम्मत
3. परिश्रम के साथ साथ किसका होना भी आवश्यक है? (1)
(क) सफलता
(ख) लाठी
(ग) हिम्मत
(घ) ईमानदारी
4. भर पेट मांस खाने के लिए शेर को क्या-क्या करना पड़ता है? (2)
5. परिश्रम कब सफल होता है? (2)

2. निम्नलिखित गद्यांशों को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए- [7]


जिस मनुष्य ने अपने भावों को व्यापक बना लिया हो, जिसने विश्व की आत्मा से समन्वय
स्थापित कर लिया हो, वही महान साहित्यकार हो सकता है। जिसकी आत्मा विशाल हो जाती
है वह हँसने वालों के साथ हँसता है; रुदन करने वालों के साथ रुदन करता है; ऐसा साहित्य
एक देश का होने पर भी सार्वभौम होता है। रामायण और महाभारत देशकाल से बँधे हुए
नहीं, इसलिए वे अमर-काव्य हैं। मनुष्य जीवन संघर्ष में अपना देवत्व खो देता है, साहित्य उसे
पुन: देवत्व प्रदान करता है। साहित्य उपदेशों से नहीं, बल्कि हमारी भावनाओं को प्रेरित
करके हममें ऊँ ची भावनाएँ जगाता है। साहित्य आदर्शों को स्थापित करके मनुष्य के जीवन
का उन्नयन करता है। उसमें नैतिक मूल्यों का संचार करता है। सर्वसामान्य के प्रति प्रेम-भाव
उत्पन्न करता है। भ्रष्टाचारियों और अनाचारियों के प्रति रोष जगाकर समाज को स्वच्छ बनाता
है।
1. कौन सा काव्य अमर हो जाता है? (1)
(क) जो काव्य मनुष्य के जीवन का उन्नयन करता है
(ख) जो काव्य देशकाल से बँधा नहीं होता
(ग) जो काव्य हममें ऊँ ची भावनाएँ जगाता है
(घ) जो काव्य समाज को स्वच्छ बनाता है
2. मनुष्य को पुनः देवत्व कौन प्रदान करता है? (1)
(क) साहित्यकार
(ख) काव्य
(ग) साहित्य
(घ) प्रेम-भाव
3. साहित्यकार महान कै से हो सकता है? (1)
(क) आत्मा को विशाल बनाकर
(ख) अपने भावों को व्यापक बनाकर
(ग) आदर्शों को स्थापित करके
(घ) समाज को स्वच्छ बनाकर
4. लेखक ने रामायण व महाभारत को कै सा काव्य बताया और क्यों? (2)
5. मानव जीवन में साहित्य का क्या महत्व है? (2)
खंड ख - व्यावहारिक व्याकरण
3. निम्नलिखित वाक्यों में से कोई चार प्रश्न कीजिए। [4]
i. क्षितीश चटर्जी का फटा हुआ सिर देखकर आँख मिंच जाती थी। विशेषण पदबंध की
पहचान कीजिए।
ii. मोनुमेंट के नीचे ठीक चार बज़कर चौबीस मिनट पर झंडा फहराया जाएगा। रे खांकित
पदबंध का नाम लिखिए।
iii. तताँरा को देखते ही वह ज़ोर से फू ट-फू टकर रोने लगी। रे खांकित पदबंध का नाम
लिखिए।
iv. उतनी मेहनत से मुझे तो चक्कर आ जाता था। इस वाक्य में क्रिया पदबंध कौन सा है?
v. चाय में कु छ पड़ा है। वाक्य में सर्वनाम पदबंध क्या है?

4. नीचे लिखे वाक्यों में से किन्हीं चार वाक्यों का रूपांतरण कीजिए - [4]
i. वे हरदम किताबें खोलकर अध्ययन करते रहते थे। (संयुक्त वाक्य)
ii. मैं सफल हुआ और कक्षा में प्रथम स्थान पर आया। (सरल वाक्य)
iii. एक बार बिल्ली ने उचककर दो में से एक अण्डा तोड़ दिया। (मिश्र वाक्य)
iv. वह छह मंजिली इमारत की छत थी जिस पर एक पर्णकु टी बनी थी। (सरल वाक्य)
v. बरसात होने पर सूरज छिप जाता है। (मिश्र वाक्य में)

5. निर्देशानुसार किन्हीं चार प्रश्नों का उत्तर दीजिए और उपयुक्त समास का नाम भी लिखिए। [4]
i. हवन सामग्री (विग्रह कीजिए)
ii. पुस्तकालय (विग्रह कीजिए)
iii. ईश्वर में भक्ति (समस्त पद लिखिए)
iv. अमीर और गरीब (समस्त पद लिखिए)
v. कमल के समान चरण (समस्त पद लिखिए)

6. निम्नलिखित में से किन्हीं चार मुहावरों का वाक्य में प्रयोग इस प्रकार कीजिए कि उनका [4]
आशय स्पष्ट हो जाए:
i. हक्का-बक्का रहना
ii. खुशी का ठिकाना न रहना
iii. दाँतों तले उँगली दबाना
iv. आँखें दिखाना
v. सपनों के महल बनाना

खंड ग - गद्य खंड (पाठ्यपुस्तक)


7. अनुच्छे द को ध्यानपूर्वक पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये: [5]
अब भाई साहब बहुत कु छ नरम पड़ गए थे। कई बार मुझे डाँटने का अवसर पाकर भी
उन्होंने धीरज से काम लिया। शायद वह खुद समझने लगे थे कि मुझे डाँटने का अधिकार
उन्हें नहीं रहा, या रहा भी, तो बहुत कम। मेरी स्वच्छं दता भी बढ़ी। मैं उनकी सहिष्णुता का
अनुचित लाभ उठाने लगा। मुझे कु छ ऐसी धारणा हुई कि मैं पास ही हो जाऊँ गा, पढूँ या न
पढूँ , मेरी तकदीर बलवान है, इसलिए भाई साहब के डर से जो थोड़ा-बहुत पढ़ लिया करता
था, वह भी बंद हुआ। मुझे कनकौए उड़ाने का नया शौक पैदा हो गया था और सारा समय
पतंगबाजी की ही भेंट होता था, फिर भी मैं भाई साहब का अदब करता था और उनकी नज़र
बचाकर कनकौए उड़ाता था। माँझा देना, कनने बाँधना, पतंग टू र्नामेंट की तैयारियाँ आदि
समस्याएँ सब गुप्त रूप से हल की जाती थीं। मैं भाई साहब को यह संदेह न करने देना
चाहता था कि उनका सम्मान और लिहाज मेरी नज़रों में कम हो गया है।

(i) अब मुझे डाँटने का अधिकार उन्हें नहीं रहा इस पंक्ति में किसे डाँटने का अधिकार नहीं
रहा?

क) छोटे भाई को ख) दादा को

ग) अध्यापक को घ) बड़े भाई साहब को

(ii) बड़े भाई साहब के व्यवहार में लेखक को नरमी दिखाई देने का क्या कारण था?

क) उनका अच्छे अंकों से उत्तीर्ण ख) उनका परीक्षा में फे ल होना


होना

ग) छोटे भाई द्वारा उनसे बात करना घ) उन्हें लगना कि वे जरूरत से


बंद कर देना ज्यादा डाँटते हैं

(iii) लेखक अपना सारा समय किस कार्य में व्यतीत करने लगा?

क) बड़े भाई की डाँट खाने में ख) क्रिके ट खेलने में

ग) पतंगबाजी करने का घ) पढ़ने में

(iv) बड़े भाई के डर से लेखक कौन-सा कार्य करने लगा था?

क) और अधिक खेलता था ख) नवीन योजना बनाता था

ग) थोड़ा-बहुत पढ़ता था घ) मित्रों से नहीं मिलता था

(v) लेखक बड़े भाई साहब को किस बात का संदेह नहीं होने देना चाहता है?

क) उनकी शिकायत दादा से कर ख) अनुभव के कारण उनकी बात


दी को जानने का
ग) उनकी पढ़ाई की पुस्तकें उसने घ) उनका सम्मान लेखक की नज़रों
फाड़ दी हैं में कम हो गया है

8. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में दीजिए: [6]

(i) जुलूस और प्रदर्शन को रोकने के लिए पुलिस का क्या प्रबंध था? 'डायरी का एक पन्ना' [2]
पाठ के आधार पर लिखिए |

(ii) गांधीजी आदर्श एवं व्यावहारिकता का समन्वय किस प्रकार करते थे? गिन्नी का सोना [2]
पाठ के आधार पर लिखिए।

(iii) वज़ीर अली के मन में अंग्रेज़ो के प्रति नफ़रत क्यों थी? कारतूस पाठ के आधार पर [2]
बताइए।

(iv) तीसरी कसम में राजकपूर और वहीदा रहमान का अभिनय लाजवाब था। स्पष्ट [2]
कीजिए।

खंड ग - काव्य खंड (पाठ्यपुस्तक)


9. अनुच्छे द को ध्यानपूर्वक पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये: [5]
चलो अभीष्ट मार्ग में सहर्ष खेलते हुए,
विपत्ति, विघ्न जो पड़ें उन्हें ढके लते हुए।
घटे न हेलमेल हाँ, बढ़े न भिन्नता कभी,
अतर्क एक पंथ के सतर्क पंथ हों सभी।
तभी समर्थ भाव है कि तारता हुआ तरे ,
वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे ।।

(i) अभीष्ट-मार्ग से क्या तात्पर्य है?

क) परं परागत मार्ग ख) दू सरों द्वारा बताया गया मार्ग

ग) योग्यता के अनुसार मार्ग घ) इच्छित मार्ग

(ii) विघ्न-बाधाएँ आने पर क्या करना चाहिए?

क) डर जाना चाहिए ख) डटकर मुकाबला करना चाहिए

ग) पीछे हट जाना चाहिए घ) सहर्ष मार्ग बदल लेना चाहिए

(iii) समर्थ भाव क्या है?

क) दू सरों की निंदा कर स्वयं की ख) दू सरों को हराकर जीत प्राप्त


प्रशंसा करना करना
ग) दू सरों को सफलता दिलाकर घ) दू सरों को धमकाकर समर्थ
स्वयं सफलता प्राप्त करना बनना

(iv) कवि परस्पर मेल-जोल बढ़ाने का परामर्श क्यों दे रहा है?

क) एक ही स्थान पर रहने के लिए ख) प्रेम से रहने के लिए

ग) सभी विकल्प सही हैं घ) भेद-भाव न बढ़ने देने के लिए

(v) 'तारता हुआ तरे ' - पंक्ति का क्या आशय है ?

क) स्वयं तैरते हुए दू सरे को तैराना ख) दू सरों की उन्नति में सहायक


होते हुए अपनी उन्नति करना

ग) विपत्ति में घबराना घ) दू सरों की अवनति करते हुए


स्वयं की उन्नति करना

10. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में दीजिए: [6]

(i) मीरा श्रीकृ ष्ण को पाने के लिए क्या-क्या कार्य करने को तैयार हैं? [2]

(ii) पल-पल परिवर्तित प्रकृ ति-वेश के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है? पर्वत प्रदेश में [2]
पावस कविता के आधार पर बताइए।

(iii) बाँध लो अपने सर से कफ़न साथियो - पंक्ति में कौन, किसे संबोधित कर रहा है और [2]
वह देशवासियों से क्या अपेक्षा रखता है?

(iv) जीवन में हानि होने पर कवि कै सी विचारधारा का आकांक्षी है? आत्मत्राण कविता के [2]
आधार पर स्पष्ट कीजिए।

खंड ग - संचयन (पूरक पाठ्यपुस्तक)


11. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में दीजिए: [6]

(i) उन घटनाओं का उल्लेख कीजिए जिनके आधार पर हरिहर काका को अपने भाई और [3]
महंत एक ही श्रेणी के लगते थे।

(ii) सपनों के से दिन पाठ के आधार पर बताइए कि ओमा कौन था? उसकी क्या विशेषता [3]
थी?

(iii) टोपी शुक्ला पाठ के आधार पर पुष्टि कीजिए कि टोपी और इफ़फ़ु न के संबंध धर्म से [3]
नहीं, मानवीय संबंधों से निर्धारित थे।

खंड घ - रचनात्मक लेखन


12. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में अनुच्छे द लिखिये: [5]
(i) आजादी का अमृत महोत्सव विषय पर दिए गए संके त बिंदुओं के आधार पर अनुच्छे द [5]
लिखिए।
अमृत महोत्सव के पीछे धारणा
सरकारी - गैर-सरकारी स्तर पर विभिन्न गतिविधियाँ
इससे लाभ

(ii) पार्क में खेलते बच्चे विषय पर दिए गए संके त बिंदुओं के आधार पर अनुच्छे द लिखिए। [5]
संके त बिंदु -
पार्क की शोभा,
बच्चों द्वारा खेले जाने वाले खेलों का प्रारूप,
बच्चों का उत्साह,
उमंग और प्रसन्नता,
उपस्थित लोगों की प्रतिक्रिया

(iii) इंटरनेट : सूचनाओं की खान विषय पर दिए गए संके त बिंदुओं के आधार पर अनुच्छे द [5]
लिखिए।
तकनीक का अद्भुत वरदान
इंटरनेट क्रांति
सूचना स्रोत
प्रयोग के लिए सजगता

13. शिक्षा निदेशालय दिल्ली को प्रशिक्षित स्नातक अध्यापकों की आवश्यकता है। इस पद हेतु [5]
आवेदन-पत्र लिखिए।

अथवा
आप साक्षी/अजय हैं। आपके मोहल्ले के कू ड़ेदान में गंदगी का ढे र लगा है और कई-कई दिन तक
कू ड़ा नहीं उठाया जा रहा है। इस संबंध में नगर-निगम अधिकारी को लगभग 100 शब्दों में एक
शिकायती पत्र लिखिए।

14. विद्यालय में आयोजित होने वाली सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता के लिए सांस्कृ तिक सचिव की [4]
ओर से 40-50 शब्दों में सुचना तैयार कीजिए।

अथवा
विद्यालय के सुचनापट्ट पर खेल अधीक्षक द्वारा क्रिके ट टू र्नामेंट की जानकारी हेतु 20-25 शब्दों में
एक सूचना लिखिए।
15. आपके नगर में मिठाई की एक नई दुकान खुली है। इसके प्रचार के लिए एक विज्ञापन [3]
लगभग 25-50 शब्दों में तैयार कीजिए।

अथवा
नाखूनों की सुंदरता बढ़ाने के लिए नेलपॉलिश का विज्ञापन लगभग 25-50 शब्दों में बनाइए।

16. आप राजन/रजनी हैं। अपने बैंक खाते में नेट बैंकिं ग की सुविधा प्राप्त करने के लिए संबंधित [5]
शाखा प्रबंधक को लगभग 80 शब्दों में एक ई-मेल लिखिए।

अथवा
संगति का फल शीर्षक विषय पर लगभग 100 शब्दों में एक लघुकथा लिखिए।
Solution
SAMPLE QUESTION PAPER - 1
Hindi B (085)
Class X (2024-25)

खंड क - अपठित बोध


1. 1. (ग) ईमान + दारी, सफल + ता
2. (क) उद्यम
3. (घ) ईमानदारी
4. भरपेट मांस खाने के लिए शेर को घर से बाहर निकलकर दौड़-धूप करनी पड़ती है। कभी-कभी
बलवान हाथियों से भी लोहा लेना पड़ता है।
5. सोच समझकर, उचित स्थान पर किया गया परिश्रम ही सफल होता है।
2. 1. (ख) जो काव्य देशकाल से बँधा नहीं होता, वही काव्य अमर हो जाता है।
2. (ग) साहित्य मनुष्य को पुनः देवत्व प्रदान करने में सहायक होता है।
3. (ख) अपने भावों को व्यापक बनाकर जो लोगों के सुख-दुख में शामिल रहता है और विश्व की
आत्मा से समन्वय स्थापित करता है वही साहित्यकार महान बन सकता है।
4. लेखक ने रामायण व महाभारत को अमर काव्य बताया क्योंकि ये दोनों देशकाल की सीमा से बँधे
हुये नहीं हैं , जो जन-जन की मानसिक, सामाजिक यहाँ तक कि राजनीतिक भावनाओं को भी
निर्देशित करते हैं इसीलिए ये एक देश का साहित्य होने पर भी सार्वभौम हैं।
5. साहित्य आदर्शों को स्थापित करके मनुष्य के जीवन का उन्नयन करता है। उसमें नैतिक मूल्यों का
संचार करता है। सर्वसामान्य के प्रति प्रेम-भाव उत्पन्न करता है। हमारी भावनाओं को प्रेरित करके
हममें ऊँ ची भावनाएँ जगाता है इसके साथ ही अत्याचारियों और विध्वंसकारियों का कलम से
विरोध कर नयी विचार धारा को जन्म देता है।
खंड ख - व्यावहारिक व्याकरण
3. i. विशेषण पदबंध
ii. क्रिया-विशेषण पदबंध
iii. क्रिया विशेषण पदबंध
iv. आ जाता था
v. कु छ
4. i. वे हरदम किताबें खोलते थे और अध्ययन करते रहते थे।
ii. मैं सफल होने पर कक्षा में प्रथम स्थान पर आया।
iii. जैसे ही एक बार बिल्ली उचकी, उसने दो में से एक अंडा तोड़ दिया।
iv. उस छह मंजिली इमारत की छत पर एक पर्णकु टी बनी थी।
v. जब बरसात होती है तब सूरज छिप जाता है।
5. i. हवन सामग्री = हवन के लिए सामग्री (चतुर्थी / संप्रदान तत्पुरुष समास)
ii. पुस्तकालय = पुस्तकों का आलय/ पुस्तकों के लिए आलय (तत्पुरुष समास)
iii. ईश्वर में भक्ति = ईश्वरभक्ति (सप्तमी / अधिकरण तत्पुरुष समास)
iv. अमीर और गरीब = अमीर-गरीब (द्वंद्व समास)
v. कमल के समान चरण = चरणकमल (कर्मधारय समास)
6. i. हक्का-बक्का रहना: परीक्षा में अच्छे अंक देखकर रमन हक्का-बक्का रह गया।
ii. खुशी का ठिकाना न रहना: जब उसे पता चला कि उसे विदेश यात्रा का मौका मिला है, तो
उसकी खुशी का ठिकाना न रहा।
iii. दाँतों तले उँगली दबाना: अपने दोस्त को सफल देखकर उसने दाँतों तले उँगली दबा ली।
iv. आँखें दिखाना: जब उसने देखा कि कोई उसे गलत काम करने के लिए मजबूर कर रहा है, तो
उसने आँखें दिखा दीं।
v. सपनों के महल बनाना: सोहना तो बचपन से ही सपनों के महल बनाती रही है।
खंड ग - गद्य खंड (पाठ्यपुस्तक)
7. अनुच्छे द को ध्यानपूर्वक पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
अब भाई साहब बहुत कु छ नरम पड़ गए थे। कई बार मुझे डाँटने का अवसर पाकर भी उन्होंने
धीरज से काम लिया। शायद वह खुद समझने लगे थे कि मुझे डाँटने का अधिकार उन्हें नहीं रहा, या
रहा भी, तो बहुत कम। मेरी स्वच्छं दता भी बढ़ी। मैं उनकी सहिष्णुता का अनुचित लाभ उठाने लगा।
मुझे कु छ ऐसी धारणा हुई कि मैं पास ही हो जाऊँ गा, पढूँ या न पढूँ , मेरी तकदीर बलवान है, इसलिए
भाई साहब के डर से जो थोड़ा-बहुत पढ़ लिया करता था, वह भी बंद हुआ। मुझे कनकौए उड़ाने का
नया शौक पैदा हो गया था और सारा समय पतंगबाजी की ही भेंट होता था, फिर भी मैं भाई साहब
का अदब करता था और उनकी नज़र बचाकर कनकौए उड़ाता था। माँझा देना, कनने बाँधना, पतंग
टू र्नामेंट की तैयारियाँ आदि समस्याएँ सब गुप्त रूप से हल की जाती थीं। मैं भाई साहब को यह संदेह
न करने देना चाहता था कि उनका सम्मान और लिहाज मेरी नज़रों में कम हो गया है।
(i) (घ) बड़े भाई साहब को
व्याख्या:
बड़े भाई साहब को
(ii) (ख) उनका परीक्षा में फे ल होना
व्याख्या:
उनका परीक्षा में फे ल होना
(iii)(ग) पतंगबाजी करने का
व्याख्या:
पतंगबाजी करने का
(iv)(ग) थोड़ा-बहुत पढ़ता था
व्याख्या:
थोड़ा-बहुत पढ़ता था
(v) (घ) उनका सम्मान लेखक की नज़रों में कम हो गया है
व्याख्या:
उनका सम्मान लेखक की नज़रों में कम हो गया है

8. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में दीजिए:
(i) पुलिस ने जुलूस और प्रदर्शन को रोकने के लिए अनेक प्रबंध किए थे। सबसे पहले नोटिस निकाल
कर यह चेतावनी दी गई थी कि कोई भी जुलूस ना निकाले अन्यथा उसे गिरफ्तार किया जाएगा।
26 जनवरी के दिन पुलिस ने हर मैदान को घेर रखा था। पुलिस की कमी न हो इसके लिए ट्रैफ़िक
पुलिस को को भी बंदोबस्त में लगाया गया था
शहर के हर मोड़ पर गोरखे, घुड़सवार तथा सार्जेंट की ड्यूटी लगाई गई थी। दिन-रात पुलिस
लारी में घूम-घूमकर कानून व्यवस्था को बनाए रखने में लगी हुई थी। ।
(ii) महात्मा गांधी ने शुद्ध आदर्श की तुलना सोने से और व्यावहारिकता की तुलना ताँबे से की है
क्योंकि शुद्ध आदर्श में कभी कोई खोट नहीं होता। वह खरे सोने के समान होता है।
व्यावहारिकता ताँबे के समान होती है। उसे आभूषण बनाने के लिए सोने में मिलाया जाता है। इसी
प्रकार आदर्श को व्यावहारिक बनाने के लिए समझौते करने पड़ते हैं। आदर्शो को व्यावहारिकता
के स्तर पर न लाकर व्यावहारिकता को आदर्श के स्तर तक ऊपर उठाते थे।
(iii)वजीर अली के दिल में अंग्रेजों के प्रति नफरत थी क्योंकि वह एक सच्चा देशभक्त था और वो नहीं
चाहता था कि अंग्रेज हिंदुस्तान पर शासन करें । इसी कारण से वो अपने शासन में अपने क्षेत्र में
अंग्रेजों का प्रभाव नहीं पड़ने दिया और साथ उनके अत्याचारों के प्रति भी आवाज उठाई।
(iv)जिस समय फ़िल्म ‘तीसरी कसम’ के लिए राजकपूर ने काम करने के लिए हामी भरी वे अभिनय
के लिए प्रसिद्ध एवं लोकप्रिय हो गए थे। फ़िल्म में राजकपूर का अभिनय इतना सशक्त था कि
हीरामन में कहीं भी राजकपूर नज़र नहीं आए। इसी प्रकार छींट की सस्ती साड़ी में लिपटी
हीराबाई’ का किरदार निभा रही वहीदा रहमान का अभिनय भी लाजवाब था जो हीरामन की
बातों का जवाब जुबान से। नहीं आँखों से देकर वह सशक्त अभिव्यक्ति प्रदान की जिसे शब्द नहीं
कह सकते थे। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि फ़िल्म ‘तीसरी कसम’ में राजकपूर और वहीदा
रहमान का अभिनय लाजवाब था।

खंड ग - काव्य खंड (पाठ्यपुस्तक)


9. अनुच्छे द को ध्यानपूर्वक पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
चलो अभीष्ट मार्ग में सहर्ष खेलते हुए,
विपत्ति, विघ्न जो पड़ें उन्हें ढके लते हुए।
घटे न हेलमेल हाँ, बढ़े न भिन्नता कभी,
अतर्क एक पंथ के सतर्क पंथ हों सभी।
तभी समर्थ भाव है कि तारता हुआ तरे ,
वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे ।।
(i) (घ) इच्छित मार्ग
व्याख्या:
इच्छित मार्ग
(ii) (ख) डटकर मुकाबला करना चाहिए
व्याख्या:
डटकर मुकाबला करना चाहिए
(iii)(ग) दू सरों को सफलता दिलाकर स्वयं सफलता प्राप्त करना
व्याख्या:
दू सरों को सफलता दिलाकर स्वयं सफलता प्राप्त करना।
(iv)(घ) भेद-भाव न बढ़ने देने के लिए
व्याख्या:
भेद-भाव न बढ़ने देने के लिए
(v) (ख) दू सरों की उन्नति में सहायक होते हुए अपनी उन्नति करना
व्याख्या:
दू सरों की उन्नति में सहायक होते हुए अपनी उन्नति करना

10. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में दीजिए:
(i) मीराबाई श्रीकृ ष्ण को पाने के लिए निम्नलिखित कार्य करने को तैयार हैं-
i. मीरा कृ ष्ण की चाकर यानी सेवक बनने के लिए तैयार हैं।
ii. वह चाकर बनकर श्रीकृ ष्ण के घूमने के लिए बाग-बगीचे लगाने को तैयार हैं।
iii. वह वृंदावन की गलियों में घूमकर कृ ष्ण की लीलाओं का गुणगान करने को तैयार हैं।
iv. कृ ष्ण के लिए ऊं चे ऊं चे महल बनवाना चाहती हैंं।
(ii) कविता के अनुसार प्रस्तुत पंक्ति पल-पल परिवर्तित प्रकृ ति-वेश के माध्यम से कवि कहना चाहता
है कि पर्वतीय प्रदेशों में वर्षा ऋतु में हर क्षण वातावरण में बदलाव आता है। कभी धूप निकली
होती है और अचानक से घने बादल उमड़ने लगते हैं। इन सब परिवर्तनों से ऐसा प्रतीत होता है कि
मानो प्रकृ ति हर क्षण अपना वेश बदल रही हो।
(iii)बाँध लो अपने सर से कफ़न साथियो - पंक्ति में कवि देशवासियों को संबोधित कर रहा है।
कवि ने अपने प्राणों का देश की सेवा के लिए बलिदान कर दिया और वह कहता है कि अब देश
सेवा का भार देशवासियों पर है।
(iv)कविता के अनुसार कवि जीवन में लाभ और हानि को एक समान मानता है। कवि कहता है कि
अगर लाभ से वंचित होकर के वल हानि उठानी पड़े तब भी मेरे मन में नाश का कोई भाव न हो।
कवि की आकांक्षा है कि ऐसी स्थिति में भी मुझे अपने पथ से भटकने से बचाओ और बस इतनी
शक्ति दो कि मैं उस स्थिति से निकल सकूँ ।

खंड ग - संचयन (पूरक पाठ्यपुस्तक)


11. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में दीजिए:
(i) हरिहर काका कि अपने भाई और महंत एक ही श्रेणी के लगते थे। इसे व्यक्त करने वाली दो
घटनाएँ निम्नलिखित हैं-
पहले, भाइयों ने अपनी पत्नियों को काका की अच्छी तरह देखभाल करने को कहा, फिर बाद
में काका द्वारा ज़मीन देने से मना करने पर भाइयों ने काका के साथ मारपीट की, जान से
मारने की धमकी दी। मानसिक प्रताड़ना भी दी।
महंत ने भी पहले तो काका के साथ अच्छा व्यवहार किया, उनकी आवभगत की किं तु जब
काका ने अपनी ज़मीन ठाकु रबारी को देने से मना किया तो महंत का व्यवहार भी बदल गया
और उसने भी काका को उनके भाइयों की तरह ही शारीरिक और मानसिक यातनाएँ दीं।
उनका अपहरण कर लिया और ज़बरदस्ती ज़मीन हथियाने का प्रयास किया।
(ii) ओमा छात्र नेता था। उसका शरीर विचित्र साँचे में ढला हुआ था। वह ठिगना और हट्टा-कट्टा
बालक था, परन्तु उसका सिर बहुत बड़ा था। उसे देखकर यूँ लगता था मानो किसी बिल्ली के बच्चे
के माथे पर तरबूज रखा है। उसकी आँखें नारियल जैसी और चेहरा बंदरिया जैसा था। उसका
सिर इतना भयंकर था कि वह लड़ाई में सिर की भयंकर चोट करता था। उसकी चोट से लड़ने
वाले की पसलियाँ टू ट जाती थीं। बच्चे उसके सिर के वार को रे ल-बंबा कहते थे। वह स्वभाव से
लड़ाका तथा मुँहफट था।
(iii)इफ्फन और टोपी शुक्ला दो भिन्न-भिन्न धर्मों को मानने वाले हैं। इफ्फन मुसलमान है तो टोपी
शुक्ला पक्का हिंदू है। धर्म, भाषा, पारिवारिक वातावरण, रहन-सहन, खान-पान आदि पूर्णतः भिन्न
होते हुए भी दोनों गहरे मित्र थे। टोपी इफ्फन को बहुत चाहता है। दोनों का जुड़ाव मन से था,
आंतरिक था, बाह्य नहीं। टोपी इफ्फन के घर के खाने को छू ता भी नहीं था फिर भी उनकी मित्रता
में कोई अंतर नहीं आया। उसके पिता का तबादला होने पर वह दुः खी होता है। वह इफ्फन की
दादी को प्यार करता है तथा दादी भी उसे बहुत प्यार करती है। दोनों के सम्बन्ध मानवीय धरातल
पर हैं। इनके बीच में धर्म की दीवार नहीं है। घर में 'अम्मी' शब्द कहने पर टोपी ने मार खाई परं तु
इफ्फ़न के घर न जाने के लिए नहीं माना। यही हमारी सामाजिक संस्कृ ति की प्रमुख विशेषता है।

खंड घ - रचनात्मक लेखन


12. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में अनुच्छे द लिखिये:
(i) आजादी का अमृत महोत्सव
आज़ादी का अमृत महोत्सव हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्रीमान नरें द्र मोदी जी द्वारा 25 मार्च 2021
को आरं भ किया गया। इसके पीछे धारणा है भारत का नए विचारों का अमृत अर्थात आत्मनिर्भरता
का अमृत। भारत की आज़ादी को 75 वर्ष पूरे हो चुके हैं। इसी उपलक्ष में 75 सप्ताह का अमृत
महोत्सव मानने का निर्णय लिया गया। आजादी का अमृत महोत्सव को मानने का मुख्य उद्देश्य
आजादी के संघर्ष की कहानी जन-जन तक पहुँचाना है। आजादी का अमृत महोत्सव सभी
सरकारी संस्थान में धूमधाम से मनाया जा रहा है। कु छ जगहों पर रै लियाँ भी निकाली जाती है
ताकि इस का महत्व लोगों तक पहुँच सके । देश में जितने भी सरकारी भवन है उन सब में राष्ट्रीय
ध्वज फहराया जाता है। स्कू ल के बच्चे सांस्कृ तिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेते है और अपने कला के
माध्यम से आजादी का महोत्सव मानते है। स्कू ल में बहुत अच्छे से तैयारी की जा रही है और बच्चों
को आजादी के संघर्ष की कहानियाँ बताई जा रही है। 15 अगस्त 2021 से कार्यक्रम की शुरुआत
हो चुकी जिसमें देश के संगीत, नृत्य, प्रवचन और प्रस्तावना पठन शामिल है। इस महोत्सव में देश
की संस्कृ ति को प्रदर्शित करने वाले सांस्कृ तिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। इसके माध्यम
से आज की युवा पीढ़ी को आजादी के संघर्ष और उसके बाद की चुनौतियाँ को जानने का स्वर्णिम
अवसर मिला है। 200 वर्षो की गुलामी के बाद एक राष्ट्र को फिर से खड़ा करना और विश्व शक्ति
बनने की राह तक ले जाना आसान नहीं था। युवा पीढ़ी को बीते 75 सालों की चुनौतियों और
उपलब्धियों दोनों के बारे में गहराई से जानने का मौका मिला है। अतः इस महोत्सव का भारत
वासियों के लिए बहुत महत्व है।
(ii) पार्क में खेलते बच्चे
पार्क में खेलते बच्चे हमारे समाज की शोभा बढ़ाते हैं। यहां बच्चों द्वारा खेले जाने वाले खेलों का
एक विशेष प्रारूप होता है। उनका उत्साह, उमंग और प्रसन्नता देखकर लगता है कि वे वास्तविक
खेल की भावना से खेल रहे हैं।
बच्चे जब पार्क में आते हैं, तो उनका उत्साह देखने लायक होता है। उन्हें खेलने के लिए विभिन्न
खेलों का चयन करने का आत्मविश्वास होता है। उनका आनंद देखकर उन्हें खेलने के बाद अपनी
प्रसन्नता का व्यक्तिगत अहसास होता है।
इसके साथ ही, ये बच्चे पार्क में उपस्थित लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हैं। उनके उत्साह
और आनंद से प्रेरित होकर, देखनेवालों के चेहरों पर भी मुस्कान आती है। यह एक सकारात्मक
और आनंदमय वातावरण बनाता है जो सभी के दिन को आनंदित और प्रसन्न बनाता है।
इस रीति से, पार्क में खेलते बच्चों का उत्साह, उमंग, और प्रसन्नता समाज के लिए एक उत्कृ ष्ट
दृश्य प्रस्तुत करते हैं, जो हमें सभी को बचपन के आनंद और आनंद की ओर देखने के लिए
प्रोत्साहित करता है।
(iii)आजकल की दुनिया में इंटरनेट ने हमारे जीवन को अद्वितीय तरीके से प्रभावित किया है। इसे
तकनीक का एक अद्वितीय वरदान माना जा सकता है। इंटरनेट ने हमें एक नई दुनिया की ओर ले
जाया है, जिसमें हम सूचनाओं की खान से जुड़ सकते हैं और जानकारी का बहुत सारा स्रोत है।
इसके बिना हमारा जीवन सोचने के लिए अधूरा हो जाता।
इंटरनेट ने सूचनाओं की खान को एक सच्ची क्रांति का संके त दिया है। पहले, सूचनाओं को प्राप्त
करने के लिए हमें पुस्तकें और समाचार पत्रिकाएँ ही उपलब्ध थीं, लेकिन अब हम इंटरनेट के
माध्यम से जिस तरीके से सूचनाओं की खान से जुड़ सकते हैं, वह अद्भुत है। हम गूगल और
अन्य खोज इंजन्स का उपयोग करके किसी भी विषय पर तुरं त जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यह
एक महत्वपूर्ण तरीका है जिससे हम अपने ज्ञान को बढ़ा सकते हैं और समय की बचत कर सकते
हैं।
इंटरनेट से हमें अनगिनत सूचना स्रोत मिलते हैं। हम विभिन्न वेबसाइट्स, वेब पोर्टल्स, ब्लॉग,
सोशल मीडिया, और अन्य स्रोतों से सूचनाएं प्राप्त कर सकते हैं। यहाँ तक कि हम अपनी रुचि
और आवश्यकताओं के हिसाब से विशेष तरीके से समाचार और जानकारी तक पहुँच सकते हैं।
इससे हमारा ज्ञान बढ़ता है और हम अपनी रुचियों के हिसाब से जानकारी चुन सकते हैं।
इंटरनेट के आगमन के साथ हमें सजगता और विवेकपूर्णता की आवश्यकता हो गई है। इंटरनेट
पर आपको अनगिनत जानकारी मिलती है, लेकिन यह भी असत्य और दुर्भाग्यपूर्ण जानकारी से
भरा हो सकता है। इसलिए हमें सच्चाई की पुष्टि करने के लिए और सही जानकारी प्राप्त करने के
लिए सजग रहना चाहिए। हमें जानकारी के स्रोत की पुष्टि करनी चाहिए और अपने सोचने की
क्षमता का प्रयोग करना चाहिए ताकि हम सही और सत्य की ओर बढ़ सकें ।

13. शिक्षा निदेशक महोदय,


पुराना सचिवालय,
दिल्ली।
02 फरवरी, 2019
विषय- प्रशिक्षित स्नातक अध्यापक (हिंदी) पद हेतु आवेदन-पत्र
महोदय,
नवभारत टाइम्स के 01 फरवरी, 2019 के अंक में प्रकाशित विज्ञापन के प्रत्युत्तर में मैं एक उम्मीदवार
के रूप में अपना आवेदन-पत्र प्रस्तुत कर रहा हूँ। मेरा संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है-
नाम - राहुल कु मार
पिता का नाम - मोहित कु मार
जन्मतिथि - 25 अप्रैल, 1985
शैक्षिक योग्यताएँ X रा.व.मा.बा विद्यालय, पालम, नई दिल्ली प्रथम श्रेणी 65% 2000
XII रा.व.मा.बा विद्यालय, पालम, नई दिल्ली प्रथम श्रेणी 70% 2002
बी.ए. दिल्ली विश्वविद्यालय, नई दिल्ली प्रथम श्रेणी 63% 2005
एम.ए. दिल्ली विश्वविद्यालय, नई दिल्ली द्वितीय श्रेणी 58% 2007
व्यावसायिक योग्यता बी.एड. चंडीगढ़ विश्वविद्यालय, हरियाणा प्रथम श्रेणी 2009
अनुभव - कमला नेहरू बाल संस्थान सुलतानपुर में हिंदी शिक्षक पद पर 2 साल तक शिक्षण का
अनुभव।
आशा है कि मेरी योग्यताओं पर विचार कर सेवा कर अवसर प्रदान करें गे।
सधन्यवाद।
प्रार्थी
राहुल कु मार,
75-C,
कै लाशपुरी, दिल्ली।
अथवा
सेवा में,
नगर-निगम अधिकारी महोदय,
रायपुर (छ.ग.)।
विषय- हमारे मोहल्ले के कू ड़ेदान में गंदगी का ढे र लगने व कई-कई दिनों तक कू ड़ा नहीं उठाए
जाने की शिकायत करने हेतु पत्र।
महाशय,
मैं अजय, वार्ड क्र.- 7, राजेंद्र नगर, रायपुर (छ.ग.) का निवासी हूँ। मैं एक ज़िम्मेदार नागरिक का
फ़र्ज़ निभाते हुए आपका ध्यान हमारे मोहल्ले के कू ड़ेदान में फै लती गंदगी की तरफ़ खींचना चाहता
हूं। जहां से कई-कई दिनों तक कू ड़ा नहीं उठाया जा रहा है। जिसके कारण अब बदबू भी आने लगी
है तथा लोगों को दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा है। अगर गंदगी की यही स्थिति रही तो
बीमारियां पनपने में देर नहीं लगेगी।
अतः आपसे अनुरोध है कि आप उक्त मामले पर त्वरित ध्यान देने की कृ पा करें । ताकि कू ड़ेदान में
गंदगी का ढे र न जमा हो और लोगों को किसी प्रकार की कोई परे शानी न हो।
सधन्यवाद!
भवदीय
अजय
वार्ड क्र.- 7, राजेंद्र नगर, रायपुर (छ.ग.)।
5 जून, 2024
सूचना
संस्कृ ति. पब्लिक स्कू ल
सामान्यज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन
दिनांकः 12/08/20XX
समस्त विद्यार्थियों को सूचित किया जाता है कि विद्यालय में 26 अगस्त, 20XX को सामान्यज्ञान
प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। इस प्रतियोगिता में भाग लेने के इच्छु क अभ्यर्थी अपना नाम
16 अगस्त, 20XX तक अपनी-अपनी कक्षाध्यापिका को लिखवा दें।
मुके श कु मार
14. सांस्कृ तिक सचिव
अथवा
सूचना
जूनियर इंटर स्कू ल टू र्नामेंट का आयोजन 20 फरवरी से विद्यालय प्रागंण में किया जाएगा। इसके
चयन हेतु मैच का आयोजन विद्यालय के पश्चात् 1 अप्रैल से 8 अप्रैल, 2019 तक 3:30 बजे से 6 बजे
तक खेले जाएँ गे।
12 से 14 आयु वर्ग के खेलने के इच्छु क छात्रों से अनुरोध है कि वे अपना नाम सेक्रे टरी, क्रिके ट
एसोसिएशन, न्यू एरा गोल्डन स्कू ल में 30 मार्च, 2019 तक दे सकते हैं।
सेक्रे टरी खेल क्लब
खेल अधीक्षक
स्वादिष्ट मिठाई की दुकान खुल गई खुल गई आपके शहर में
गोविंद स्वीटस

शुद्ध देशी घी से निर्मित मिठाइयाँ


ताजा दू ध, पनीर, दही भी उपलब्ध
सभी उत्सवों व समारोह के लिए आर्डर पर मिठाइयाँ तैयार की जाती है। दाम एवं गुणवत्ता की
गारं टी एक बार अवश्य पधारें ।
15. पता : दुकान सं. 112 , गोविंद चौक, पलटन बाज़ार, मेरठ संपर्क - 01234...
अथवा
कीमत के वल 100 रूपये (6 पैके ट)
"नाखूनों की शान बढ़ाती
सुंदरता में चार चाँद लगाती
सबके मन को लुभाती
श्रृंगार नेलपोलिश"

""""शृंगार नेलपॉलिश""""
आकर्षक रं गो में उपलब्ध
सस्ती सुंदर और टिकाऊ
सभी प्रमुख स्टोर्स में उपलब्ध
16. प्रेषक (From) : [email protected]
प्रेषिती (To) : [email protected]
विषय : बैंक खाते में नेट बैंकिं ग की सुविधा प्राप्त करने के संबंध में।
शाखा प्रबंधक महोदय,
मेरा नाम राजन है। पिता का नाम- रघुवीर सिंह, माता का नाम- बिनती देवी है। सादर निवेदन है कि
मैं आपके बैंक का एक नियमित खाताधारक हूं। मेरा एक बचत खाता आपके बैंक एसबीआई,
शाखा- राजेन्द्र नगर, रायपुर (छ.ग.) से संचालित है। खाता न.- 88247xxxxx56 है। काम की
व्यस्तता के कारण मैं बार-बार बैंक आने में असमर्थ हूं तथा वित्तीय लेन-देन की आवश्यकता को
देखते हुए मैं अपने बैंक खाते में नेट बैंकिं ग की सुविधा चाहता हूं।
अतः आपसे अनुरोध है कि मुझे मेरे बैंक खाते में नेट बैंकिं ग की सुविधा देने की कृ पा करें । इस कार्य
हेतु मैं सदा आपका आभारी रहूंगा।
सधन्यवाद!
भवदीय
राजन
वार्ड न.- 07, दत्ता कॉलोनी,
राजेन्द्र नगर, रायपुर (छ.ग.)।
5 जून, 2024
अथवा
एक छोटे गांव में राम और श्याम, दो मित्र, रहते थे। वे अनेक विषयों पर वार्ता करते थे, परं तु कभी-
कभी उनकी बातें विरोधाभास में परिणत हो जाती थीं। एक दिन, एक विषय पर उनकी बहस बढ़ गई
- क्या संगति लोगों के विचारों का प्रभाव डालती है या नहीं।
राम ने कहा, "संगति हमें बदलती दृष्टिकोण देती है और नई दिशा में ले जाती है।"
श्याम ने मुस्कराते हुए जवाब दिया, "हाँ, लेकिन इसका फल होता है कि बार-बार विभिन्नता और
समृद्धि समझने की क्षमता विकसित होती है। विरोधाभास हमें सोचने पर मजबूर करता है और सही
निर्णय लेने में मदद करता है।"
दोनों मित्र ने एक-दू सरे के विचारों का सम्मान करते हुए देखा कि संगति से विभिन्न दृष्टिकोणों का
संयोजन हमें सबके लिए बेहतर विकल्पों की दिशा में अग्रसर कर सकता है।

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