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Hindi A (002)
Class X (2024-25)
5. निम्नलिखित वाक्यों में से किन्हीं चार रे खांकित पदों का पद-परिचय लिखिए- (1x4=4) [4]
i. बालगोबिन भगत की संगीत-साधना का चरम उत्कर्ष उस दिन देखा गया जब उनका बेटा
मरा।
ii. बालगोबिन भगत समूचा शरीर कीचड़ में लिथड़े, अपने खेत में धान रोप रहे हैं।
iii. बालगोबिन भगत कबीर के गीतों को गाते और उनके आदेशों पर चलते थे।
iv. सुंदर गृहणी की तो मुझे याद नहीं लेकिन उनके बेटे और पतोहू को तो मैंने देखा था।
v. वाह! भारत मैच जीत गया।
(i)
(v)
(ii)
(iv)
(iv)
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(iii)
(iii)
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[5]
[6]
(i) कवि जिस सुख की कल्पना कर रहा था, वह कै सा है?
क) क्षणिक ख) दीर्घ
ग) स्मृति घ) मधुमाया
क) मित्रों के ख) प्रेयसी के
ग) जीवन के घ) स्वयं के
(v) पद्यांश में पथिक शब्द का प्रयोग किसके लिए हुआ है?
10. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में दीजिए: [6]
(i) उत्साह कविता में कवि ने धाराधर किसे और क्यों कहा है? [2]
(ii) यह दंतुरित मुसकान कविता में 'बाँस और बबूल' किसके प्रतीक हैं? [2]
(iii) संगतकार की मनुष्यता उसका निर्धारित कर्तव्य ही है, न कि कोई महानता - इससे [2]
सहमत या असहमत होते हुए तर्क सहित अपने विचार व्यक्त कीजिए।
(ii) मैं क्यों लिखता हूँ? पाठ के लेखक ने अपने लिखने का क्या कारण बताया है? [4]
(iii) “साना-साना हाथ जोडि' पाठ में प्रदू षण के कारण हिमपात में कमी पर चिंता व्यक्त की [4]
गई है। प्रदू षण के और कौन-कौन से दुष्परिणाम सामने आए हैं? हमें इसकी रोकथाम के
लिए क्या करना चाहिए?
(i) बेरोज़गारी : एक समस्या विषय पर दिए गए संके त बिंदुओं के आधार पर अनुच्छे द [6]
लिखिए।
बेरोज़गारी क्या है?
समस्या क्यों?
समस्या सुलझाने के उपाय
(ii) साइबर सुरक्षा : जागरूकता ही समाधान विषय पर दिए गए संके त बिंदुओं के [6]
आधार पर अनुच्छे द लिखिए।
भूमिका, अर्थ, वर्तमान में चर्चा का कारण, जागरूकता का प्रभाव
(iii) मेरी रे गिस्तान-यात्रा विषय पर दिए गए संके त बिंदुओं के आधार पर अनुच्छे द लिखिए। [6]
संके त-बिंदु
धूल ही धूल
रात की शीतलता और सौंदर्य
तापमान एवं लोक-संस्कृ ति
13. विद्यालय से नाम काटे जाने के कारणों पर अपनी सफाई देते हुए प्रधानाचार्य को पत्र लिखकर [5]
पुनः कक्षा में बैठने की अनुमति देने के लिए प्रार्थना-पत्र लिखिए।
अथवा
आपके छोटे भाई ने आठवीं कक्षा की परीक्षा अच्छे अंकों से उत्तीर्ण की है। उसे बधाई देते हुए पत्र
लिखिए।
14. एक निजी विद्यालय में हिंदी के शिक्षक की आवश्यकता है। इस पद हेतु अपनी योग्यता का [5]
विवरण देते हुए स्ववृत सहित आवेदन पत्र लिखिए।
अथवा
आप राजन/रजनी हैं। अपने बैंक खाते में नेट बैंकिं ग की सुविधा प्राप्त करने के लिए संबंधित
शाखा प्रबंधक को लगभग 80 शब्दों में एक ई-मेल लिखिए।
15. आप तीन कमरे वाला घर किराए पर लेना चाहते हैं। इसके लिए एक विज्ञापन लगभग 50 [4]
शब्दों में तैयार कीजिए।
अथवा
आप कु मुद/कु मुदिनी हैं। बड़े प्रयासों और प्रतीक्षा के बाद आपकी बहन का स्थानान्तरण अपने
गृह-नगर में हो गया है। इसके लिए उन्हें बधाई देते हुए लगभग 40 शब्दों में एक संदेश लिखिए।
Solution
SAMPLE QUESTION PAPER - 2
Hindi A (002)
Class X (2024-25)
खंड क - अपठित बोध
1. 1. (क) मानव तभी सभ्य कहा जा सकता है जब तक वह अपनी सुप्रवृत्तियों की आज्ञा के अनुसार
सबकी भलाई के लिए कार्य करें । अत: कु छ बंधनों और नियमों का पालन करके ही मानव समाज
का विकास कर सकता है।
2. (ग) अनुशासन का अर्थ होता है नियम -नीतियों का पालन करना। इसके पालन करने से मानव
जीवन उन्नति को प्राप्त करता है जबकि इसके अभाव में समाज में अराजकता और अशांति की
स्थिति उत्पन्न हो जाएगी और चारों ओर जंगलराज जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाने से लोग असुरक्षित
और अव्यवस्थित महसूस करें गे।
3. (घ) मानव में निहित प्रवृत्तियाँ सुप्रवृत्तियाँ और कु प्रवृत्तियाँ हैं, जिनके प्रभाव से वह अच्छा आचरण
करता है और बुरा भी।
4. वन्य पशुओं में अनुशासन का कोई महत्व नहीं होता, जिसके कारण उनका जीवन असुरक्षित,
आतंकित एवं अव्यवस्थित रहता है।
5. कु छ लोगों का मानना है कि मानव के सभ्य और शिक्षित हो जाने के कारण उस पर किसी प्रकार
के नियमों का बंधन नहीं होना चाहिए। वह स्वतंत्र रूप से जो करे , उसे करने देना चाहिए।
2. i. (ग) बचपन में बड़े-बड़े मोती के समान आँसू जयमाला पहनाते हैं।
ii. (क) कवयित्री अपने बचपन के दिनों में मिले अतुलित आनंद, बड़े - बड़े मोती के आँसू का
निकलना एं व माँ के दुलार को नहीं भूल पा रही है।
iii. (घ) कवयित्री यह कामना कर रही है कि उसका बचपन एक बार पुनः लौट कर आ जाए और
फिर से वही निर्मल शांति प्राप्त हो |
iv. बचपन जीवन का सबसे मस्ती और चिंता रहित समय होता है। यह निर्भय, शांति,स्वच्छं द और
अतुलित आनंद प्रदान करने वाला समय होता है।
v. रोती हुई कवयित्री को देख माँ अपना सारा काम छोड़कर तुरन्त आती है और उसे गोद में
उठाकर चूमती है तथा बहला - फु सलाकर,लाड- प्यार कर शांत कराती है।
खंड ख - व्यावहारिक व्याकरण
3. i. उसके एक इशारे पर लड़कियाँ कक्षा से बाहर निकलीं और नारे लगाने लगीं।
ii. वे जेब से चाकू निकालकर खीरा काटने लगे।
iii. जब हालदार साहब उधर से गुजरे तो उन्हें मूर्ति में कु छ अंतर दिखाई दिया।
iv. अब बुढ़ापा आ गया है। (संज्ञा उपवाक्य)
v. सरल वाक्य
4. i. बुलेटिन के लिए एक नोटिस बनाया जाए।
ii. (उसे) सत्य बोलने को प्रेरित किया गया था।
iii. आपके द्वारा किया जा सकता है।
iv. सारे स्कू लों को बंद कर दिया जाए।
v. नेता जी द्वारा सभा की अध्यक्षता की गई।
5. i. बालगोबिन भगत की- व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, संबंध कारक।
ii. बालगोबिन भगत- व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक, 'रोप रहे हैं' क्रिया का
कर्ता।
iii. कबीर के - व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, संबंध कारक।
व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन,संबंध कारक।
iv. सुंदर- गुणवाचक विशेषण, गृहिणी विशेष्य का विशेषण, स्त्रीलिंग, एकवचन।
गुणवाचक विशेषण, एकवचन, स्त्रीलिंग, विशेष्य- 'गृहिणी'।
v. भारत- संज्ञा, व्यक्तिवाचक पुल्लिग एकवचन, कर्ता कारक।
6. i. अतिशयोक्ति अलंकार
ii. उपमा अलंकार
iii. रूपक अलंकार
iv. उत्प्रेक्षा अलंकार
v. रूपक अलंकार
खंड ग - गद्य खंड (पाठ्यपुस्तक)
7. अनुच्छे द को ध्यानपूर्वक पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
खेती बारी करते, परिवार रखते भी, बालगोबिन भगत साधु थे-साधु की सब परिभाषाओं में खरे
उतरने वाले। कबीर को 'साहब' मानते थे, उन्हीं के गीतों को गाते, उन्हीं के आदेशों पर चलते। कभी
झूठ नहीं बोलते, खरा व्यवहार रखते। किसी से भी दो टू क बात करने में संकोच नहीं करते, न किसी
से खामखा झगड़ा मोले लेते। किसी की चीज नहीं छू ते, न बिना पूछे व्यवहार में लाते। इस नियम को
कभी-कभी इतनी बारीकी तक ले जाते कि लोगों को कु तूहल होता! कभी वह दू सरे के खेत में शोच
के लिए भी नहीं बैठते! वह गृहस्थ थे; लेकिन उनकी सब चीज 'साहब' की थी। जो कु छ खेत में पैदा
होता, सिर पर लादकर पहले उसे साहब के दरबार में ले जाते-जो उनके घर से चार कोस दू री पर
था-एक कबीरपंथी मठ से मतलब! वह दरबार में 'भेंट' रूप रख लिया जाकर 'प्रसाद' रूप में जो उन्हें
मिलता, उसे घर लाते और उसी से गुज़र चलाते!
(i) (घ) वे सच्चे साधुओं की तरह उत्तम आचार-विचार रखते थे
व्याख्या:
वे सच्चे साधुओं की तरह उत्तम आचार-विचार रखते थे
(ii) (ग) जीवन के सिद्धांतों और आदर्शों का गहराई से अपने आचरण में पालन करना
व्याख्या:
जीवन के सिद्धांतों और आदर्शों का गहराई से अपने आचरण में पालन करना
(iii)(घ) कबीर भगवान का रूप थे
व्याख्या:
कबीर भगवान का रूप थे
(iv)(क) कबीरपंथी मठ में
व्याख्या:
कबीरपंथी मठ में
(v) (घ) कबीर से
व्याख्या:
कबीर से
8. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में दीजिए:
(i) हालदार साहब कस्बे के नागरिकों के प्रयास को सराहनीय तब लगा, जब उन्होंने नेताजी की मूर्ति
पर चश्मा पहनकर देशभक्ति की भावना को दिखाया। यह उन्हें समझाता है कि हालदार साहब में
भी विशेष रूप से देशप्रेम का संवेदनशील भाव था। नेताजी की मूर्ति पर चश्मा पहनकर उन्होंने
नेताजी के सम्मान में अपना समर्थन प्रकट किया और इससे कस्बे के नागरिकों का उन्हें
सराहनीय मानने लगा।
(ii) लेखिका मन्नू भंडारी की माँ का स्वभाव पिता से विपरीत था। वह धैर्यवान व सहनशक्ति से युक्त
महिला थी। पिता की हर फरमाइश को अपना कर्तव्य समझना व बच्चों की हर उचित अनुचित
माँगों को पूरा करना ही अपना फर्ज समझती थी। अशिक्षित माँ का त्याग, असहाय व मजबूरी में
लिपटा हुआ था। पति की हर ज्यादती को प्राप्य मानकार स्वीकार करती है।
(iii)हमारे मतानुसार कहानी लिखने के लिए कोई ना कोई घटना विचार और पात्र अवश्य होता है। यह
तीनों ही कहानी के अत्यावश्यक तत्व हैं। जब तक कहानीकार के मन में कोई विचार नहीं
आए,घटनाएं कहानी को आगे ना बढ़ाए तथा पात्र कथा का माध्यम न बने, तब तक कहानी
लिखना संभव नहीं है। यशपाल जी ने लखनवी अंदाज व्यंग्य यह साबित करने के लिए लिखा था
कि बिना कथ्य के भी कहानी लिखी जा सकती है। परं तु मेरे हिसाब से विचार,घटना और पात्र
कहानी के मुख्य तत्व है, जिनके बिना कहानी लिखना संभव नहीं है।
(iv)लेखक ऐसे व्यक्ति को संस्कृ त व्यक्ति मानता है, जिसकी बुद्धि ने किसी नए तथ्य के दर्शन किए हों
और सर्वथा नवीन वस्तु की खोज की हो। संस्कृ त व्यक्ति की संतान किसी नई चीज़ की खोज नहीं
करती है, उसे तो वह नई चीज़ अनायास मिल जाती है, इसलिए वह संस्कृ त व्यक्ति की संतान को
संस्कृ त नहीं मानता है।
10. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में दीजिए:
(i) "उत्साह" कविता में कवि ने धाराधर को जल की धारा धारण करने के कारण कहा है। यह उपमा
उन लोगों को संबोधित करती है जो लगातार प्रयास और कार्यशीलता से परिवर्तन की धारा को
बनाए रखते हैं। धाराधर का यह रूप निरं तर बरसने और जल की धारा धारण करने के प्रतीक के
रूप में प्रस्तुत किया गया है, जो सृजनात्मकता और समर्पण का प्रतीक है।
(ii) कविता में बाँस और बबूल के पेड़ कठोर हृदय या रसहीन व्यक्तियों के प्रतीक हैं। ऐसे लोगों पर
मानवीय संवेदनाओं का कोई असर नहीं होता है। इन प्रतीकों के माध्यम से कवि कहना चाहता हैं
कि मधुर मुस्कान को देखकर कठोर से कठोर हृदय मानव भी सरस हो उठते हैं।
(iii)संगतकार की मनुष्यता उसकी महानता है क्योंकि उसके अंदर योग्यता, प्रतिभा होने के बाद भी
वह के वल अपने गुरु के सम्मान की खातिर अपनी आवाज़ को ऊँ चा नहीं उठाता। यह उसका
कर्तव्य नहीं है बल्कि उसकी मनुष्यता है। संगतकार नींव की ईंट के समान है जो गहराई में जाकर
स्वयं को भुला देता है और मुख्य गायक को आगे निकालता है।
(iv)उद्धव के व्यवहार की तुलना पानी के ऊपर तैरते हुए कमल के पत्ते से और पानी में डू बी हुई तेल
की गागर से की गई है। जो पानी पर रहते हुए भी पानी की एक बूँद भी नहीं लगने देता है।