How to worship Lord Shiva
Water is very dear to Lord Shiva
ं कार प्रिय:विष्णु,जलधारा प्रिय:शिव ।
अल
नमस्कार प्रिय:भानु,ब्राह्मणो भोजनम् प्रिय: ।
अर्थात :- भगवान विष्णुजी को अल
ं कार आभूषण आदि प्रिय हैं, भगवान शिवजी को जल की धार प्रिय है
। सूर्यदे व को नमस्कार तथा ब्राह्मणों को भोजन प्रिय है
Do not eat nirmalya of Lord Shiva
विसर्जितस्य दे वस्य गंधपुष्पनिवेदनम् । निर्माल्य
ं तदविजानीयाद् वर्ज्यं वस्त्रविभूषणम् । अर्पयित्वा तु ते
भूयश्चंडेशाय निवेदयेत ् ।।
स्क
ं द पुराण की इस सूक्ति का अर्थ है शिवलिंग पर समर्पित पत्र, पुष्प, जल एवं नैवेद्य अग्राह्य हैं। भूमि,
वस्त्र, आभूषण, सोना-चांदी, तांबा छोड़कर सभी फल जलादि निर्माल्य है। उसे कुएं में डाल दे ना चाहिए।
शिव निर्माल्य पर महादे व के चंड नामक गण का चंडाधिकार होता है,
Lord Shiva is great Vaishnava
RigVeda 7.40.5
asya devasya mILhuSo vayA viSNoreSasya prabhRthe havirbhiH |
vide hi rudro rudriyaM mahitvaM yAsiSTaM vartirashvinAvirAvat ||
‘With offerings, I worship the branches of this swift-moving - Lord Visnu’.